






भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान के पर्यटन मानचित्र पर हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर को प्रभावी पहचान दिलाने के उद्देश्य से निकाली गई दो दिवसीय जांगल यात्रा का समापन रविवार यानी 28 सितंबर को गोगामेड़ी में हुआ। यात्रा का नेतृत्व सूरतगढ़ भाटिया आश्रम के संचालक और शिक्षाविद् प्रवीण भाटिया ने किया। इस दौरान श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय में जांगल यात्रा दल का भव्य स्वागत किया गया। विश्वविद्यालय परिवार ने आयोजन को ऐतिहासिक स्वरूप दिया। श्री गुरु गोविंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा, विश्वविद्यालय के डायरेक्टर जनरल गिरीश चावला, अग्रवाल समाज सेवा समिति के अध्यक्ष सुभाष बंसल, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. डॉ. श्यामवीर सिंह सहित अनेक गणमान्यजन मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत पुष्प वर्षा और पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया। एसकेडीयू परिसर में आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि भटनेर दुर्ग की ऐतिहासिक महत्ता किसी से कम नहीं, लेकिन यहां पर्यटकों की संख्या आमेर दुर्ग की तुलना में बेहद कम है। इसका मुख्य कारण एयर कनेक्टिविटी की कमी है। यदि हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर को हवाई सेवाओं से जोड़ा जाए तो यहां पर्यटन तेजी से विकसित हो सकता है। उन्होंने कहा कि एसकेडी यूनिवर्सिटी क्षेत्र के पर्यटन विकास के लिए हर स्तर पर सहयोग देने को तैयार है।

शिक्षाविद् प्रवीण भाटिया ने कहा कि यह क्षेत्र प्राचीन और ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध है, लेकिन उचित प्रचार-प्रसार के अभाव में इसका बौद्धिक और सांस्कृतिक विकास नहीं हो पाया। उन्होंने कहा, ‘हम इस भूमि को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाएंगे, जहां फिल्म सिटी जैसी संभावनाएं भी साकार होंगी। इसके लिए एयर कनेक्टिविटी का होना सबसे आवश्यक है।’

भाटिया ने हनुमानगढ़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस भूमि को पहले प्राणमुख के नाम से जाना जाता था, बाद में यह भटनेर कहलाया और आज हनुमानगढ़ के नाम से प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि बड़ोपल से प्राचीन मूर्तियां प्राप्त हुई हैं, कालीबंगा सिंधु घाटी सभ्यता का अद्भुत स्थल है और भटनेर दुर्ग में स्थित प्राचीन जैन मंदिर जैन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

इस भव्य आयोजन में समाज, प्रशासन और शिक्षा जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद रहीं। इनमें दीपक वर्मा, इंद्राज सिंह चेतीवाल, सुनील छाबड़ा (एसीओ, जिला परिषद हनुमानगढ़), मनीष कालड़ा (कमिश्नर, जीएसटी बीकानेर), सौरभ आहूजा, संजीव मदान, विनोद भाम्भू, डॉ. विशाल छाबड़ा, एडवोकेट पूनम शर्मा, कंचन भाटिया, शीशपाल लिंबा (ब्रांड एंबेसडर, जिला निर्वाचन विभाग श्रीगंगानगर) विशेष रूप से उल्लेखनीय रहे।

विश्वविद्यालय परिवार की ओर से प्रशासक संजीव शर्मा, डॉ. जयदेव शर्मा, बजरंग वर्मा, स्वराज दहिया, अजय गोदारा, और साहिल चौधरी सहित अनेक सदस्य आयोजन में शामिल हुए।

कार्यक्रम के अंत में आए हुए सभी अतिथियों का आभार रजिस्ट्रार प्रो. डॉ. श्यामवीर सिंह ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है बल्कि पूरे जांगल क्षेत्र के लिए पर्यटन विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

दो दिवसीय जांगल यात्रा का अंतिम पड़ाव गोगामेड़ी रहा, जहां रविवार देर शाम इसका समापन हुआ। इस यात्रा ने न केवल क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को उजागर किया, बल्कि सरकार और समाज के बीच पर्यटन विकास के लिए सामूहिक प्रयासों का संदेश भी दिया।

यात्रा दल के वरिष्ठ सदस्य राजेश चड्ढ़ा ने बताया कि इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि उचित प्रचार-प्रसार, आधारभूत सुविधाओं और एयर कनेक्टिविटी की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं, तो हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर राजस्थान ही नहीं, पूरे भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में अपनी पहचान बना सकते हैं।


