भगवा में रंगा शहर, भक्ति में डूबे श्रद्धालु

भटनेर पोस्ट डेस्क.
रामनवमी के उपलक्ष्य में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भव्य सर्वधर्म यात्रा ने आस्था, एकता और उत्साह का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। जंक्शन जिला कलेक्टरेट के सामने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद यात्रा का शुभारंभ हुआ, और इसके साथ ही पूरा शहर जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। इस यात्रा में उमड़ा जनसैलाब दीपावली और होली की एक साथ उपस्थिति का आभास करवा रहा था। भगवा पताकाओं से सजे वाहन, रंग-बिरंगे गुलाल की उड़ान, पुष्पवर्षा और ढोल-नगाड़ों की थाप ने माहौल को भक्तिरस से सराबोर कर दिया।
रैली से पूर्व कलेक्टरेट परिसर में विशाल धर्मसभा का आयोजन हुआ। सभा को विहिप प्रांत संयोजक आशीष पारीक, जिलाध्यक्ष निशांत बत्तरा, संत राघवानंद जी महाराज सहित अनेक संत-महंतों ने संबोधित किया। वक्ताओं ने भगवान श्रीराम को मर्यादा, धर्म और लोककल्याण की जीवंत प्रेरणा बताते हुए कहा कि श्रीराम हमारे जीवन का आधार हैं और हमारी सांस्कृतिक एकता के प्रतीक हैं।
आशीष पारीक ने कहा, ‘भगवान श्रीराम के प्रति हमारी आस्था ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, जो हर कठिनाई को सरल बना देती है। यह कोई राजनीतिक रैली नहीं, बल्कि सर्व हिन्दू समाज की श्रद्धा की यात्रा है।’
डॉ. निशांत बतरा ने कहा-‘श्रीराम हमारे आदर्श हैं। श्रीरामचरित मानस आदर्श ग्रंथ है। इनसे हमें सीखने की जरूरत है ताकि जीवन सफल हो सके।’


झांकियों की झलक ने मोहा मन
भगवान श्रीराम दरबार की झांकी के पूजन के बाद जैसे ही पट खोले गए, “जय श्रीराम” के नारों से आसमान गूंज उठा। रैली में कुल 35 समाजों की सांस्कृतिक और धार्मिक झांकियाँ शामिल हुईं, जिनमें सीताराम जी, वाल्मीकि भगवान, वीर तेजाजी, महाराणा प्रताप और भगत सिंह की झांकियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र बनीं। रैली की अगुवाई कर रहे युवाओं के जोशीले समूह ने डीजे की धुन पर नाचते हुए भगवा ध्वज लहराए। बुलेट बाइक पर सवार युवाओं ने जयघोषों के साथ पूरे वातावरण में जोश भर दिया। इसके पीछे-पीछे कारों, जीपों, सजी-धजी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का लंबा काफिला चला, जिसमें शहर की सांस्कृतिक विविधता साफ झलक रही थी।


नारी शक्ति और बच्चों की भागीदारी
महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में भगवान के भजन गाते हुए रैली में शामिल हुईं, तो वहीं बच्चों ने छोटे-छोटे भगवा ध्वज थामे, गर्व और उल्लास से रैली की शोभा बढ़ाई। रैली के मार्ग पर लगभग 48 स्वागत स्थल बनाए गए थे। कहीं क्रेन से पुष्पवर्षा हुई, तो कहीं ड्रोन से गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई गईं। दुकानदारों ने मंच सजाकर रैली का स्वागत किया। सड़कें गुलाल, रंग और पटाखों से जगमगा उठीं। विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिक समितियों ने रैली मार्ग में सेवा शिविर लगाए, जिनमें ठंडा जल, जलजीरा, लस्सी, छाछ और फलाहार का वितरण हुआ। श्रद्धालु इस सेवा भाव से भावविभोर नजर आए।
अंत में भव्य पूजा-अर्चना और आरती
रैली का समापन टाउन स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में हुआ, जहां भव्य पूजा-अर्चना और आरती के साथ यात्रा सम्पन्न हुई। मंदिर परिसर को खास तौर पर सजाया गया था, और श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम की स्तुति कर अपने अनुभवों को दिव्यता से भर लिया।


प्रशासनिक सतर्कता, शांति और सौहार्द का संदेश
रैली के दौरान प्रशासन की ओर से चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। पुलिस बल तैनात रहा और रैली शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई। यह आयोजन धार्मिक एकता, सौहार्द और सामाजिक सहयोग का जीता-जागता उदाहरण बन गया।
इनका रहा अहम योगदान
इस ऐतिहासिक आयोजन में कुलदीप नरूका, सुभाष खीचड़, जय सिंह, मुकेश तरण, अशोक खींची, सुनील चाहर, दीपक चौधरी, पवन तरण, महेंद्र गोदारा, महेंद्र पूनिया, मुकेश सुथार, पवन कुमार, रजत राव सहित कई समर्पित कार्यकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई।

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