हनुमानगढ़ उद्योग समिति चुनाव: कितने वोटों से जीते सुरेंद्र सिंगला ?

भटनेर पोस्ट डेस्क.
हनुमानगढ़ जंक्शन के औद्योगिक क्षेत्र में रविवार यानी 18 मई का दिन लोकतांत्रिक सरगर्मियों से सराबोर रहा। गुरुदृष्टि इंडस्ट्री, सेकंड फेज, रीको एरिया में उद्योग समिति के अध्यक्ष पद हेतु चुनाव संपन्न हुआ, जिसने न केवल उद्योग जगत के दिग्गजों को आमने-सामने ला खड़ा किया, बल्कि क्षेत्र के व्यापारिक गलियारों में दिनभर हलचल बनाए रखी। चुनाव में मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा, एक ओर थे सुरेंद्र सिंगला, तो दूसरी ओर विनोद कुमार ढाका। दोनों ही प्रत्याशी न केवल क्षेत्र के जाने-माने उद्योगपति हैं, बल्कि उद्योग समिति की गतिविधियों में भी लंबे समय से सक्रिय भागीदारी निभाते आए हैं।
चुनाव प्रक्रिया की जिम्मेदारी संभाली मुख्य चुनाव अधिकारी प्रद्युम्न सिंह परमार ने, जिनकी सूझबूझ और निष्पक्ष निगरानी में संपूर्ण प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। उनका साथ निभाया सहायक चुनाव अधिकारी दिनेश दाधीच और भगवान दास रोहिल्ला ने। मतदान की प्रक्रिया सुबह 10 बजे शुरू हुई और 1.30 बजे दोपहर तक चली। 93 सदस्यों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसके तुरंत बाद, दोपहर 2.30 बजे मतगणना आरंभ हुई। परिणाम घोषित होते ही यह स्पष्ट हो गया कि सुरेंद्र सिंगला ने 52 वोट प्राप्त कर विनोद ढाका (41 वोट) को 11 मतों के अंतर से पराजित किया।
चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही मुख्य चुनाव अधिकारी परमार ने विजयी प्रत्याशी सुरेंद्र सिंगला को प्रमाण पत्र सौंपा, और उनके समर्थकों में उल्लास की लहर दौड़ गई।
इस अवसर पर चुनाव स्थल पर मौजूद लोगों की सूची किसी मिनी व्यापार सम्मेलन से कम नहीं थी, एडवोकेट अमित स्वामी, एडवोकेट उमाशंकर दास, मुकेश मित्तल, रमेश कुमार सिंगला, राजेश असीजा, अनिल मूढ़, पारस गर्ग, पवन खदरिया, जितेंद्र राठौड़ समेत सैकड़ों व्यापारी एवं औद्योगिक प्रतिनिधि चुनाव प्रक्रिया में उपस्थित रहे।
चुनाव प्रचार के दौरान दोनों ही प्रत्याशियों की टीमों ने जोरदार मुहिम चलाई थी। सुरेंद्र सिंगला के समर्थकों ने जहां अनुभव और पारदर्शिता को मुद्दा बनाया, वहीं विनोद ढाका के समर्थकों ने नवाचार और तेज़ी से निर्णय लेने की क्षमता को प्रमुखता दी। हालांकि अंततः बाज़ी सुरेंद्र सिंगला के हाथ लगी। उनकी जीत न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह औद्योगिक क्षेत्र के व्यापारियों की उस सोच को भी दर्शाती है जो अनुभव, संतुलन और सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करती है।
अब सभी की नजरें सुरेंद्र सिंगला पर टिकी हैं, कैसे वे उद्योग समिति के अध्यक्ष के रूप में अपने वादों को अमल में लाते हैं और किस दिशा में औद्योगिक विकास को गति देते हैं। गौरतलब है कि सुरेंद्र सिंगला लगातार अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए हैं।

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