





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
हनुमानगढ़ टाउन का राजवी पैलेस रंग-बिरंगी रोशनी और तालियों की गूंज से सराबोर हो उठा। चौथे गरबा महोत्सव ने न सिर्फ गुजरात की पारंपरिक संस्कृति का आनंद शहरवासियों को कराया, बल्कि भक्ति, उमंग और एकता का अद्भुत संदेश भी दिया। पारंपरिक परिधानों में गरबा नृत्य करते युवाओं, महिलाओं और बच्चों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। आयोजन में शहरवासियों ने पारंपरिक परिधानों में गरबा नृत्य कर गुजरात की संस्कृति का आनंद लिया। रंग-बिरंगी रोशनी, सजावट और तालियों की गूंज के बीच पूरा वातावरण भक्तिमय और उत्साहपूर्ण नजर आया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक गणेशराज बंसल, पूर्व सभापति सुमित रणवा, पूर्व सभापति संतोष बंसल, पूर्व पार्षद मंजू रणवा, पूर्व पार्षद मदन बाघला और आयोजन समिति के सदस्य भारत भूषण कौशिक रहे। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर गरबा महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजन समाज को एकता, उत्साह और परंपराओं से जोड़ने का काम करते हैं।

आयोजिका सुरुचि मदान ने बताया कि लगातार चार वर्षों से हनुमानगढ़ में गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जन-जन तक पहुंचाना और समाज में सकारात्मक संदेश देना है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से जहां युवा वर्ग परंपरा से जुड़ेगा, वहीं समाजोपयोगी कार्यों के लिए भी सहयोग राशि का उपयोग किया जाएगा।

महोत्सव में हरियाणवी लोक संगीत की लोकप्रिय गायिकाएं शिवा चौधरी और कोमल चौधरी ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके गीतों पर उपस्थित जनसमूह देर रात तक झूमता रहा। उनकी मधुर आवाज और ऊर्जावान प्रस्तुति ने गरबा की रंगीनियों को और भी आकर्षक बना दिया।

आयोजन समिति के राजीव मदान ने बताया कि इस आयोजन से प्राप्त सहयोग राशि समाजसेवा में लगाई जाएगी। इसमें जरूरतमंद कन्याओं के विवाह, निर्धन बच्चों की शिक्षा और पाठ्य सामग्री वितरण जैसी योजनाएं शामिल होंगी। समिति सदस्य भारत भूषण कौशिक ने कहा कि गरबा महोत्सव के जरिए हनुमानगढ़ की जनता को सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत अनुभव मिलता है।

समारोह में शहर के युवा, महिलाएं और बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में गरबा नृत्य करते दिखाई दिए। पूरे पंडाल में मां अम्बे के जयकारे गूंजते रहे और वातावरण श्रद्धा, भक्ति और उमंग से सराबोर रहा। कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति की ओर से सभी गणमान्य अतिथियों व उपस्थित जनसमूह का आभार व्यक्त किया गया। आयोजक मंडल ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भी भव्य स्वरूप लेगा और समाजसेवा व संस्कृति के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए रखेगा।




