




भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
दीपावली के बाद सिविल लाइंस स्थित विधायक गणेशराज बंसल के निवास पर आयोजित पारंपरिक ‘रामा-श्यामा’ कार्यक्रम इस बार कुछ अलग ही रंग में नजर आया। सुबह से ही विधायक आवास पर लोगों का तांता लग गया कृ शहर के कोने-कोने से लेकर दूर-दराज़ के गांवों तक से लोग ‘दीपावली दी बधाई’ देने पहुंचे। आवास पर बड़ा टेंट लगाया गया था, बैठने, जलपान और भोजन की बढ़िया व्यवस्था थी। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, भीड़ का आकार बढ़ता गया। हर तरफ से नारे गूंज रहे थे, ‘मेरी आवाज गणेशराज’ और ‘दूसरी बार गणेशराज’। भीड़ में सबसे ज्यादा जोश पंजाबी समाज में नजर आया। उन्होंने बंसल का दस्तारबंदी कर सत्कार किया, कंधे पर उठाकर नारे लगाए। वह पल जैसे जनसमर्थन और सामुदायिक एकता का प्रतीक बन गया।

विधायक बंसल खुद पूरे कार्यक्रम में सक्रिय दिखे। हर आगंतुक से मिले, हंसी-मजाक किया, हाल-चाल पूछा। उन्होंने बिना भोजन कराए किसी को लौटने नहीं दिया। इस अपनत्व और आत्मीयता ने माहौल को पारिवारिक बना दिया। समर्थकों ने कहा, ‘बंसल साहब जनता नूं परिवार समझदे ने, ओही कारण है कि हर वर्ग उनके नाल खड़ा है।’

विधायक गणेशराज बंसल ने कहा, ‘जनता दा प्यार ही मेरी असली पूंजी है। मैं हमेशा कोशिश करदा रियां कि हर वर्ग दी आवाज सरकार तक पहुंचे। दीपावली सिर्फ़ रौशनी दा त्योहार नहीं, यह आपसी भाईचारे दा प्रतीक है। तुहाडा स्नेह ही मेरी ऊर्जा है कि हनुमानगढ़ नूं विकास विच नंबर वन बनाया जावे।’

कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा। महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों सब ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कई समाजसेवी, व्यापारी, पंचायत प्रतिनिधि और महिला संगठनों की पदाधिकारी मौजूद रहे। माहौल में एक तरह की लोक-सियासी उत्सुकता थी, लोग कहते सुने गए, ‘ई रामा-श्यामा तो स्यापे दी शरुआत लगदी है, अगली चुनावी दिशा इथों ही तय होण वाल्ली है।’

जानकारों का मानना है कि सामाजिक मिलन के बहाने यह राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन था। जिस तरह से भीड़ उमड़ी, वह दिखाता है कि बंसल की पकड़ अब शहरी इलाकों के साथ ग्रामीण हिस्सों में भी मजबूत हो चुकी है। ‘रामा-श्यामा’ कार्यक्रम ने त्योहार की मिठास को सियासी रंग में घोल दिया। जनता और नेता के बीच नजदीकी का जो दृश्य वहां दिखा, उसने साफ संकेत दे दिए हैं कि गणेशराज बंसल अपनी दूसरी पारी की तैयारी कर चुके हैं।



