






भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
स्वयंसेवी संस्थाओं का महत्व तब और भी बढ़ जाता है, जब समाज किसी आपदा से जूझ रहा होता है। जब पड़ोसी राज्य पंजाब भयंकर बाढ़ की चपेट में है, खेत-खलिहान डूब गए हैं, घर उजड़ गए हैं और हजारों लोग जीवन की मूलभूत जरूरतों से वंचित हो चुके हैं। ऐसे कठिन समय में हनुमानगढ़ की एक संस्था बेहद संजीदगी से सहायता कार्य में जुटी है, नाम है माता अंग्रेज कौर चैरिटेबल ट्रस्ट। प्रतिनिधियों ने न केवल संवेदना व्यक्त की, बल्कि इसे सेवा के अवसर के रूप में लिया और राहत सामग्री से भरा एक जत्था रवाना किया।

इस राहत सामग्रियों में भोजन सामग्री, कपड़े, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान शामिल है। संस्था के डायरेक्टर मलकीत सिंह मान और हरवीर सिंह सरां खुद गंभीरतापूर्वक जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनका कहना है कि बाढ़ पीड़ितों तक समय पर सहायता पहुंचाना ही सबसे बड़ी सेवा है, ताकि वे इस संकट की घड़ी में अकेला महसूस न करें।

राहत सामग्रियों को रवाना करने के मौके पर हनुमानगढ़ की कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद रहीं। विधायक प्रतिनिधि संतोष बंसल, नगरपरिषद के निवर्तमान सभापति सुमित रणवां, पूर्व उपसभापति नगीना बाई, रयान कॉलेज के डायरेक्टर करणवीर चौधरी, पूर्व पार्षद गुरदीप सिंह बराड़ बब्बी, मुकेश भार्गव, संस्था निदेशक मलकीत सिंह मान, हरवीर सिंह सरां, सेवादार शमेन्द्र सिंह, गुरविन्द्र सिंह, गुरप्रीत सिंह आदि ने संयुक्त रूप से बाढ़ पीड़ितों की कुशलता और क्षेत्र की सुख-समृद्धि के लिए अरदास की।

प्रतिनिधियों ने कहा कि आपदा केवल एक क्षेत्र की नहीं होती, बल्कि पूरे समाज की परीक्षा होती है। विधायक प्रतिनिधि संतोष बंसल ने कहा, ‘सामाजिक संस्थाओं की जिम्मेदारी केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं होनी चाहिए। जब कहीं आपदा आती है, तो हर क्षेत्र के लोगों को मिलकर मदद करनी चाहिए। यही भावना देश की एकता और भाईचारे को मजबूत करती है।’

निवर्तमान सभापति सुमित रणवां और पूर्व पार्षद गुरदीप सिंह बराड़ बब्बी ने कहा कि हनुमानगढ़ की धरती हमेशा से सेवा और सहयोग की मिसाल रही है। यहां के लोग हर संकट में आगे आकर सहयोग करते हैं और इस बार भी वही परंपरा निभाई गई है।
संस्था के अध्यक्ष गुरमेल सिंह ने बताया कि यह सेवा अभियान एक बार का प्रयास नहीं है। दस दिन बाद हनुमानगढ़ से दूसरा राहत जत्था भी पंजाब रवाना किया जाएगा। उनका कहना है कि सेवा तभी सार्थक होती है, जब वह निरंतर बनी रहे। बाढ़ प्रभावित लोग लम्बे समय तक पुनर्वास की प्रक्रिया से गुजरेंगे, ऐसे में लगातार मदद की जरूरत है।

मलकीत सिंह मान बताते हैं कि राहत सामग्री सीधे प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाई जाएगी और वहीं मौजूद जरूरतमंद परिवारों को वितरित की जाएगी। संस्था का प्रयास है कि कोई भी पीड़ित भूखा, असहाय या असुरक्षित महसूस न करे।

इस मौके पर सबने एक स्वर में कहा कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है। आपदा के समय जाति, धर्म, राजनीति या भौगोलिक सीमाओं से ऊपर उठकर मदद करनी चाहिए। यही सच्चे अर्थों में सेवा है और यही समाज की ताकत है।

प्रतिनिधियों ने कहाकि माता अंग्रेज कौर चैरिटेबल ट्रस्ट का यह कदम न केवल हनुमानगढ़ की सेवा भावना को दर्शाता है, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत भी है। यह साबित करता है कि जब तक समाज में सेवा और सहयोग की भावना जीवित है, तब तक कोई भी आपदा इंसानियत को पराजित नहीं कर सकती। हनुमानगढ़ की यह पहल आने वाले दिनों में और भी बड़ी सेवा परंपरा का हिस्सा बनेगी और बाढ़ पीड़ितों के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगाएगी।


