





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
हनुमानगढ़ जिले की राजनीति उस समय गरमा गई जब विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ. निशांत बतरा ने निर्दलीय विधायक गणेश राज बंसल पर गंभीर आरोप लगाए। डॉ. बतरा ने एसपी हरिशंकर को एक लिखित शिकायत सौंपते हुए आरोप लगाया कि विधायक ने उन्हें व्हाट्सएप कॉल कर जान से मारने और बर्बाद करने की धमकी दी है। उन्होंने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
डॉ. निशांत बतरा का आरोप है कि विधायक गणेश राज बंसल पिछले कुछ समय से उनके प्रति राजनीतिक द्वेष की भावना रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी विधायक ने किसी अन्य व्यक्ति के मोबाइल नंबर से उन्हें कॉल कर अपशब्द कहे थे, लेकिन तब उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि बुधवार रात को हुई घटना ने उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने को मजबूर कर दिया।
डॉ. बतरा के अनुसार बुधवार रात 9.24 बजे उनके व्हाट्सएप पर पहले एक मिस्ड कॉल आई। उसके तुरंत बाद, 9.25 बजे, विधायक गणेश राज बंसल ने व्हाट्सएप कॉल कर उन्हें जान से मारने और बर्बाद कर देने की धमकी दी। कॉल के दौरान विधायक ने यह भी कहा कि ‘मेरे पास गुण्डों की पूरी टीम है, तेरा क्या हो जाएगा, पता ही नहीं चलेगा।’ इस तरह की धमकियों से चिंतित डॉ. बतरा ने पुलिस अधीक्षक से तुरंत हस्तक्षेप करने और उचित कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की। डॉ. बतरा ने यह भी कहा कि यदि उन्हें या उनके परिवार को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचता है, तो इसके लिए विधायक गणेश राज बंसल और प्रशासन जिम्मेदार होगा।
शिकायत दर्ज करवाने के समय डॉ. बतरा के साथ हनुमानगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रहे अमित चौधरी, विहिप के पूर्व प्रांत सह संयोजक आशीष पारीक सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे। उन्होंने भी इस घटनाक्रम की निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की।
इस पूरे घटनाक्रम ने जिले की राजनीतिक फिजा में हलचल पैदा कर दी है। हालांकि, विधायक गणेश राज बंसल की ओर से इस विषय पर अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ ने प्रतिक्रिया जानने के लिए विधायक को फोन किया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। उधर, पुलिस अधीक्षक हरि शंकर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निष्पक्ष जांच और आवश्यक कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मामला तूल पकड़ सकता है। बीजेपी के शासन में आरएसएस लॉबी प्रभावी भूमिका निभाती है। चूंकि विश्व हिंदू परिषद आरएसएस से संबद्ध है, इसलिए मामले में संघ का दखल तय है। ऐसे में टकराव की राजनीति जैसी स्थिति बन सकती है।





