





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के हनुमानगढ़ दौरे को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। प्रारंभिक चर्चा के अनुसार मुख्यमंत्री 9 सितंबर को हनुमानगढ़ दौरे पर आ सकते थे, लेकिन इस संबंध में जिला प्रशासन को कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। इस समय मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

बीजेपी के उच्चपदस्थ सूत्र ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं कि 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव होना है और मुख्यमंत्री को इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें राज्य के सांसदों के साथ समन्वय स्थापित करना है और एनडीए प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीति तैयार करनी है। इस वजह से मुख्यमंत्री का हनुमानगढ़ दौरा फिलहाल स्थगित माना जा रहा है। हालांकि, भाजपा के नेताओं के अनुसार, संख्या बल के आधार पर एनडीए प्रत्याशी की स्थिति मजबूत मानी जाती है, फिर भी पार्टी इस चुनाव को लेकर गंभीर है और किसी भी तरह की चूक को रोकने के लिए सक्रिय है।

सूत्रों का कहना है कि इसी कारण मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का दौरा फिलहाल 9 सितंबर के लिए स्थगित किया गया है, लेकिन इस महीने वे हनुमानगढ़ क्षेत्र का दौरा कर सकते हैं। इस बात से स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक हलकों में चर्चा जारी है। यानी मुख्यमंत्री के दौरे की संभावना पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है और इसे आगामी दिनों में तय किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री का हनुमानगढ़ दौरा विशेष रूप से अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के उद्देश्य से भी चर्चा में था। पिछले कुछ दिनों में जिले में भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में प्रभावित होने की खबरें सामने आई हैं। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर भी इसी परिप्रेक्ष्य में योजना बनाई जा रही थी।

भाजपा के स्थानीय और राज्य स्तर के नेताओं ने मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर तैयारी शुरू कर दी थी। वे प्रशासनिक और राजनीतिक गतिविधियों का समन्वय सुनिश्चित करने के लिए इंतजार कर रहे थे। हालांकि चुनावी जिम्मेदारियों के कारण मुख्यमंत्री का दौरा फिलहाल अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया है। पार्टी सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री इस महीने में किसी अन्य दिन हनुमानगढ़ का दौरा कर सकते हैं।

हनुमानगढ़ जिले में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में मुख्यमंत्री का दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा था ताकि प्रभावित किसानों, नागरिकों और स्थानीय प्रशासन की समस्याओं को सीधे सुना जा सके और तत्काल राहत कार्यों की निगरानी की जा सके।



