बीजेपी पर आग बबूला हुए कांग्रेस कार्यकर्ता, फूंक दिया सीएम का पुतला, जानिए…. क्यों ?

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भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान विधानसभा में कार्रवाई के दौरान मंत्री अविनाश गहलोत की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न इंदिरा गांधी पर की गई कथित अमर्यादित एवं अशोभनीय टिप्पणी तथा प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित 5 कांग्रेस विधायकों के निलंबन के खिलाफ कांग्रेसजनों ने 22 फरवरी को जिला कांग्रेस कमेटी के बैनर तले जंक्शन स्थित शहीद भगतसिंह चौक पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। कांग्रेसजनों ने अमर्यादित एवं अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया तथा कांग्रेस विधायकों के निलंबन की कड़ी निंदा करते हुए जमकर नारेबाजी की।


डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने कहा-‘देश के विकास में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने देश की रक्षा करने में अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। पर्ची सरकार के मंत्री की ओर से गलत व घृणित बयानबाजी की गई है। इंदिरा गांधी केवल कांग्रेस की नेता नहीं थीं, बल्कि देश की प्रधानमंत्री थीं। उनके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना निंदनीय है। इन कुंठित शब्दों के लिए मंत्री को अविलंब माफी मांगनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि पहले तो पर्ची सरकार की तरफ से इंदिरा गांधी के खिलाफ टिप्पणी की गई और उनके शब्दों को नहीं हटाया गया। ऐसे उदाहरण हैं जब सदन की कार्यवाही से शब्दों को हटाया गया है, लेकिन पर्ची सरकार खुद सदन चलाना नहीं चाहती और इसलिए इसे मुद्दा बनाया गया है। सत्ता पक्ष ही नहीं चाहता कि विधानसभा सुचारू रूप से चले। इनके मंत्री जनहित के मुद्दों पर विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे। इसलिए मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सुनियोजित तरीके से सत्ता पक्ष खुद ही सदन चलाना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा सदन में इंदिरा गांधी को ‘आपकी दादी’ कहकर विपक्ष को उकसाना चाहते थे। यह संसदीय परंपराओं के खिलाफ है। अगर किसी विधायक ने सरकार के आंकड़ों को गलत कहा तो उसे कार्यवाही से हटा दिया गया, लेकिन मंत्री के बयान को हटाने की कोई पहल नहीं हुई। यह पूरी तरह से सत्ता पक्ष की मनमानी है। दादरी ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ कि विधायक सदन के वेल में जाकर प्रदर्शन कर रहे हों। अब विधायक अगर अध्यक्ष के पास शिकायत करने नहीं जाएंगे तो कहां जाएंगे। ऐसा लगता है कि अब लोकतंत्र के मंदिर में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को सम्मान के साथ बोलने का अधिकार नहीं बचा है। गलत बातों का विरोध करने पर तत्काल निलंबित कर सदन से बाहर कर देना सत्ताधारी पर्ची सरकार की निरंकुश और तानाशाही रवैये को दर्शाता है। लेकिन राजस्थान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का अपमान नहीं सहेगा। उन्होंने सभी छः विधायकों के निलंबन को तत्काल निरस्त कर उनकी सदस्यता बहाल करने की मांग की।
इस मौके पर जिला प्रमुख कविता मेघवाल, पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़, पीसीसी सचिव मनीष मक्कासर, संजय मेघवाल, एससी कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर चांवरिया, संगठन महामंत्री गुरमीत सिंह चन्दड़ा, उपाध्यक्ष बालचन्द ज्याणी, जगदीश सिंह राठौड़, करणीसिंह राठौड़, तरुण विजय, सुभाष गोदारा, महामंत्री मनोज सैनी, गुरदीप चहल, इशाक खान, आशाराम बडग़ुजर, मनोज बड़सीवाल, ईस्माइल खान, प्रवक्ता अश्विनी पारीक, सोशल मीडिया प्रभारी जयराम ढूकिया, कृष्ण पेन्टर, सचिव महबूब आईदान, रविन्द्र बेनीवाल, रणजीत किरोड़ीवाल, हरीराम सैनी, सुभाष घोटिया, लोकेन्द्र भाटी, शब्बीर मोहम्मद, प्रदीप सेवग, रणवीर सिहाग, ब्लॉक अध्यक्ष सुधीर गोदारा, बनवारी लाल नोहर, पूर्व चेयरमैन पीलीबंगा गंगाराम खटीक, पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़, पूर्व जिला महासचिव कृष्ण नेहरा, ओबीसी जिलाध्यक्ष मनमोहन सोनी, विधि विभाग अध्यक्ष विजय गोंद, प्रदेश महासचिव चांद बतरा, सोशल मीडिया महासचिव अनुज खदरिया, युवा कांग्रेस देहात अध्यक्ष संदीप सिहाग,एनएसयूआई के रोहित जावा, कांग्रेस सेवादल जिला महासचिव महेन्द्र चतुर्वेदी, खुशी अमलानी, बंसीलाल खन्ना, इशाक चायनान,धर्मेंद्र बजाज, शीशपाल लदोइया, सेवादल जिला सचिव,आमिर खान, विजय भाटी, नरेन्द्र गोदारा, राकेश चांवरिया, विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास वर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष हनुमानगढ़ देहात रणवीर लोहरा, ब्लॉक अध्यक्ष, नोहर मुकेश पंडा, इन्द्रजीत सिंह, जयपाल, कृष्ण सांखला, कुलदीप यादव,हीरा सिंह, बलवंत सैनी, सेवादल यंग ब्रिगेड से यश चिलाना, शाहरूख रोड़ांवाली, अनूप चौधरी, गोविंद रेगर, करण विमल, योगेश चौहान, कृष्ण चौहान, मुकेश गोदारा, राकेश सोलंकी, लक्ष्मीराम, धर्मवीर, कृष्ण बेनीवाल, अब्दुल रहमान, नंदकिशोर वर्मा, मदनलाल, रेशम बराड़, दिलीप रोहिल्ला, गुरप्रीत बराड़, मोहम्मद जाफर कादरी, रोहताश ज्याणी, बलवीर सिंह, आकाश, कान्ता लाडव, ओंकार सिंह, करण सिंह रतन, राजेन्द्र कुमार, संदीप सिंवर सरपंच कालीबंगा, कुलदीप नैण, मोहन इंदलिया, सुरेन्द्र नायक, डॉ. रविन्द्र गौतम, रविन्द्र गोदारा मक्कासर, उत्तम नेहरा, गंगाराम पाल, डॉ. राजेश सोढ़ी, अब्दुल मजीद गोरी, रेवताराम, संजय पवार, ओमी पार्षद, दौलतराम मेघवाल आदि मौजूद रहे।

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