


भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
भारतीय राजनीति में सामाजिक न्याय और समावेशी नेतृत्व को केंद्र में रखते हुए, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के ओबीसी विभाग द्वारा नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में ‘कांग्रेस ओबीसी लीडरशिप भागीदारी न्याय सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। सम्मेलन में देशभर से आए कांग्रेस ओबीसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिनमें हनुमानगढ़ से सुरेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुआ। सुरेन्द्र वर्मा, जो हनुमानगढ़ क्षेत्र में लंबे समय से कांग्रेस संगठन में सक्रिय हैं, ने सम्मेलन में भाग लेकर वहां हुए संवाद और दिशा-निर्देशों को नज़दीक से देखा और समझा।
कांग्रेस नेता सुरेंद्र वर्मा ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ को बताया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का मूल स्वभाव ही वंचित, पिछड़े और उपेक्षित समाज के पक्ष में संघर्ष करना रहा है। राहुल गांधी ने अपने भाषण में विशेष रूप से जनगणना और जातिगत न्याय पर बल देते हुए कहा कि कांग्रेस सत्ता में आते ही ओबीसी वर्ग के अधिकारों की रक्षा हेतु कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने ओबीसी समाज के युवाओं से अपील की कि वे नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालें और संगठनात्मक ढांचे में निर्णायक भूमिका निभाएं। आप जब तक संगठन के केंद्र में नहीं होंगे, तब तक आपकी समस्याएं प्राथमिकता नहीं बनेंगी।’
सम्मेलन में भाग लेने के बाद हनुमानगढ़ से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे सुरेन्द्र वर्मा ने कहा, ‘यह सम्मेलन मेरे लिए एक दृष्टिकोण बदलने वाला अनुभव रहा। यहां सिर्फ भाषण नहीं हुए, बल्कि नेतृत्व निर्माण, नीति निर्माण और संगठनात्मक सुदृढ़ता की रणनीतियों पर गंभीर और व्यावहारिक चर्चा हुई। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का ओबीसी समाज के प्रति समर्पण स्पष्ट रूप से झलका।’ सुरेंद्र वर्मा के मुताबिक, ‘हमने देखा कि किस प्रकार कांग्रेस नेतृत्व ओबीसी समाज को न केवल प्रतिनिधित्व देना चाहता है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में उन्हें भागीदार भी बनाना चाहता है। हमें समझ आया कि यह समय है एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए खड़े होने का, नारे नहीं, रणनीति और सहभागिता का।’
सुरेन्द्र वर्मा ने इस सम्मेलन को “संगठनात्मक संवाद का सशक्त मंच” बताते हुए कहा कि यह मंच केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यहां जमीनी कार्यकर्ताओं की बात को शीर्ष नेतृत्व ने गंभीरता से सुना और उसका उत्तरदायित्व से जवाब भी दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा और मजबूत होगा तथा ओबीसी वर्ग को राजनीतिक सशक्तिकरण की वास्तविक अनुभूति होगी।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से आए हजारों ओबीसी कार्यकर्ताओं और नेताओं की भागीदारी ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। सहभागियों का उत्साह, विचारों की स्पष्टता और नेतृत्व की प्रतिबद्धता इस बात का संकेत थी कि कांग्रेस ओबीसी वर्ग के राजनीतिक पुनर्जागरण का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
