भटनेर पोस्ट न्यूज सर्विस.
उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2024 यानी रिप्स का एलान तो कर दिया लेकिन उसे वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया। इससे नए उद्यमियों में पसोपेश की स्थिति है। उनका कहना है कि ऑनलाइन प्रोसेस जारी नही होने से उन्हें जमीन खरीदने पर स्टाम्प ड्यूटी पर 75 फीसद छूट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उद्यमियों का कहना है कि वे इस मामले को लेकर संबंधित कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं लेकिन उच्च स्तर पर कार्रवाई नहीं होने से स्थानीय अधिकारी कुछ भी करने की स्थिति में नहीं हैं।
जानकारों का कहना है कि रिप्स के तहत छूट का लाभ पहले भी मिल रहा था लेकिन सरकार ने 2022 वाली स्कीम को बंद कर राइजिंग राजस्थान के तहत रिप्स 2024 का एलान कर दिया। जब राइजिंग राजस्थान की प्रोसेसिंग शुरू हुई तो उद्यमियों ने उत्साह के साथ एमओयू में रुचि दिखाई। प्राइवेट जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई। आलम यह है कि रजिस्टी करवाने के बावजूद उद्यमियों को स्टाम्प ड्यूटी पर मिलने वाली 75 फीसद छूट का लाभ नहीं मिल पा रहा।
कर सलाहकार रोहित अग्रवाल बताते हैं कि सरकार को रिप्स 2022 बंद करते ही रिप्स 2024 से संबंधित नियमों को अपलोड करने चाहिए थे ताकि उद्यमियों को परेशानी से निजात मिल सके। राज्य भर में सैकड़ों उद्यमियों ने एमओयू करने के बाद प्रावइेट जमीनें खरीदी हैं और रजिस्टी भी करवा ली है लेकिन स्टाम्प ड्यूटी पर 75 प्रतिशत छूट के लाभ से वे वंचित हैं। ऐसे में सरकार को इस तरह की विसंगतियों को दूर करने में विलंब नहीं करना चाहिए।
उधर, संबंधित विभाग के उच्चाधिकारी ने बताया कि उद्यमियों को हो रही परेशानी का अंदाजा है और इस संबंध में जल्दी ही समुचित कार्रवाई की जाएगी ताकि उद्यमियों को राहत मिल सके। राज्य सरकार उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए कटिबद्ध है।