




हरि चारण.
भारत ने दुबई में खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर नौ महीनों में अपना दूसरा आईसीसी खिताब जीता। इस जीत से पूरे देश में जश्न का माहौल है, और हनुमानगढ़ में क्रिकेटप्रेमियों ने आतिशबाजी कर अपनी खुशी जाहिर की। होली के मौके पर पटाखेबाजी कर क्रिकेटप्रेमियों ने दीपावली सा माहौल बना दिया। दरअसल, न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 251 रन बनाए। डेरिल मिचेल (63) और माइकल ब्रेसवेल (नाबाद 53) ने महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। भारत की ओर से स्पिन गेंदबाजों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिसमें कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती ने महत्वपूर्ण विकेट चटकाए।
जवाब में, भारतीय टीम ने कप्तान रोहित शर्मा के शानदार 76 रनों की बदौलत लक्ष्य का पीछा किया। हालांकि, न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने बीच के ओवरों में वापसी करने की कोशिश की, लेकिन केएल राहुल (नाबाद 34) और अक्षर पटेल ने संयमित बल्लेबाजी करते हुए भारत को जीत दिलाई। भारत ने यह लक्ष्य 48.3 ओवरों में हासिल किया और टूर्नामेंट में अपराजित रहते हुए खिताब अपने नाम किया। दुबई की स्पिन-अनुकूल परिस्थितियों का भारतीय स्पिनरों ने पूरा फायदा उठाया। कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा की चौकड़ी ने पूरे टूर्नामेंट में विरोधी टीमों पर दबाव बनाए रखा। फाइनल में भी इन स्पिनरों ने न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। रोहित शर्मा और केएल राहुल जैसे अनुभवी बल्लेबाजों ने महत्वपूर्ण मौकों पर जिम्मेदारी संभाली। रोहित की फाइनल में 76 रनों की पारी ने टीम को मजबूत आधार प्रदान किया, जबकि राहुल ने अंत तक टिककर टीम को जीत दिलाई। भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार फील्डिंग का प्रदर्शन किया। रवींद्र जडेजा और सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ियों ने महत्वपूर्ण कैच और रन आउट किए, जिससे विपक्षी टीमों पर दबाव बना रहा। कुलदीप यादव ने फाइनल में 10 ओवरों में 45 रन देकर 2 विकेट लिए, जबकि वरुण चक्रवर्ती ने 10 ओवरों में 42 रन देकर 2 विकेट चटकाए। इन दोनों की कसी हुई गेंदबाजी ने न्यूजीलैंड की रनगति पर अंकुश लगाया। कप्तान रोहित शर्मा ने 76 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली, जिसमें 8 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उनकी इस पारी ने टीम को मजबूत शुरुआत दी। केएल राहुल ने नाबाद 34 रन बनाकर मैच को फिनिश किया। रवींद्र जडेजा ने फाइनल में एक शानदार कैच लपका और एक रन आउट किया, जिससे न्यूजीलैंड की पारी पर लगाम लगी। उनकी फुर्तीली फील्डिंग ने टीम के मनोबल को बढ़ाया।
क्रिकेटप्रेमियों ने घर बैठे क्रिकेट का भरपूर आनंद लिया। पूरे शहर में क्रिकेटप्रेमी टीवी और मोबाइल के जरिए खेल से जुड़े रहे। उन्होंने क्रिकेट की बारीकियों के आधार पर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दीं।
हनुमानगढ़ में भटनेर प्रीमियर लीग के सूत्रधार आशीष विजय बताते हैं, ‘भारतीय टीम ने एक बार फिर साबित किया कि वे बड़े मैचों की टीम हैं। स्पिनरों का प्रदर्शन लाजवाब था, और रोहित की कप्तानी ने टीम को सही दिशा दी। यह जीत भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम युग की निशानी है।’
भटनेर किंग्स क्लब के अध्यक्ष कुलभूषण जिंदल के मुताबिक, टीम ने संयम और धैर्य का परिचय दिया। खासकर दबाव के क्षणों में खिलाड़ियों ने जिस तरह से जिम्मेदारी ली, वह काबिले तारीफ है। यह जीत युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।
क्रिकेटप्रेमी पवन अग्रवाल कहते हैं, ‘यह जीत भारतीय क्रिकेट की गहराई और प्रतिभा को दर्शाती है। स्पिन और बैटिंग दोनों विभागों में हमारा दबदबा रहा। टीम ने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए शानदार प्रदर्शन किया।’
चाणक्य क्लासेज के डायरेक्टर और क्रिकेटप्रेमी राज तिवाड़ी के मुताबिक, भारत ने एक बार फिर दिखाया कि वे आईसीसी टूर्नामेंट्स में क्यों सफल होते हैं। उनकी रणनीति, खासकर स्पिन विभाग में, बेहद प्रभावशाली रही। रोहित शर्मा की बल्लेबाजी ने मैच का रुख मोड़ दिया।
आदर्श बाल निकुंज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के डायरेक्टर गुरप्रीत सिंह के मुताबिक, न्यूजीलैंड ने अच्छा संघर्ष किया, लेकिन भारतीय स्पिनरों के सामने हमारी बल्लेबाजी थोड़ी कमजोर पड़ गई। भारत की जीत पूरी तरह से उत्कृष्ट है, और उन्होंने सभी विभागों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
क्रिकेटप्रेमी सचिन कौशिक ने कहा-‘भारत की स्पिन तिकड़ी ने मैच पर पकड़ बनाई। उनकी लाइन और लेंथ ने न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को बांधे रखा। यह जीत भारतीय क्रिकेट की मजबूती को दर्शाती है।’



