





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी है। राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना के तहत निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा फिर से शुरू कर दी गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव गायत्री राठौड़ की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। बैठक में अस्पतालों के प्रतिनिधि और योजना से जुड़े सलाहकार भी मौजूद थे। अब सरकारी कर्मचारी निजी अस्पतालों में बिना पैसे दिए इलाज करवा सकेंगे। सरकार ने वादा किया है कि 31 मार्च 2025 तक के सभी बकाया बिलों का भुगतान 31 जुलाई 2025 तक कर दिया जाएगा। भविष्य में अस्पतालों को बिल का भुगतान 45 दिन की जगह सिर्फ 4 दिन में किया जाएगा। इससे अस्पतालों की नाराजगी भी दूर होगी। इलाज में कम से कम दस्तावेज मांगे जाएंगे ताकि कागजी झंझट कम हो। नई गाइडलाइन अगले तीन महीने में तैयार की जाएगी ताकि प्रक्रिया साफ और सरल हो। अस्पताल और फार्मेसी के प्रतिनिधियों से नियमित बातचीत होगी, जिससे कोई परेशानी ना हो। योजना में जुड़ने की प्रक्रिया को भी तेज किया जाएगा। पिछले छह महीने से योजना निजी अस्पतालों में ठप पड़ी थी। अस्पतालों को समय पर भुगतान नहीं मिलने से वे कैशलेस इलाज से पीछे हट गए थे। इससे कर्मचारियों को इलाज के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ रहे थे। अब सरकार ने अस्पतालों को लिखित में आश्वासन दिया है और बातचीत से रास्ता निकाला है। इसके बाद योजना फिर से शुरू हो गई है। सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को अब आर्थिक चिंता के बिना इलाज मिल सकेगा। यह फैसला लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत है।




