



भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान की राजनीति में जिस दरार की चर्चा बीते कुछ महीनों से सत्तारूढ़ भाजपा के गलियारों में हो रही थी, वह अब एक नई तस्वीर में बदलती दिख रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कृषि एवं आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के बीच के कथित मतभेद अब बीते कल की बात लगते हैं। कभी तल्ख़ तेवरों और बगावती बयानबाज़ी के लिए चर्चा में रहे किरोड़ी लाल मीणा अब न केवल मुख्यमंत्री की कार्यशैली की सराहना कर रहे हैं, बल्कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते नज़र आ रहे हैं। सोमवार को सवाई माधोपुर ज़िले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के दौरान एक राजनीतिक तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा साथ-साथ हेलिकॉप्टर से हालात का जायज़ा लेते दिखे। चकेरी, जड़ावता, मैनपुरा, धनौली और खण्डार क्षेत्र में नुकसान का निरीक्षण करते हुए दोनों नेताओं ने स्थानीय लोगों से संवाद भी किया और ज़िला प्रशासन को त्वरित राहत कार्यों के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने जहां पूरे घटनाक्रम की समीक्षा की, वहीं मंत्री मीणा ने फील्ड से प्राप्त जानकारियों के आधार पर आवश्यक सुझाव भी दिए। यह दृश्य सिर्फ प्रशासनिक सक्रियता का नहीं, बल्कि एकजुट होती भाजपा की रणनीतिक झलक का संकेत दे रहा था। हवा में उड़ती अफवाहों को ज़मीन पर उतारते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में दिए बयान में कहा, ‘मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ मेरे संबंध हमेशा सकारात्मक रहे हैं। कुछ मुद्दों को लेकर जो मतभेद प्रचारित किए गए थे, वे अब पूरी तरह समाप्त हो चुके हैं।’ उन्होंने मुख्यमंत्री की निर्णय क्षमता और सरकार के निर्णयों की खुलकर प्रशंसा की।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह बदलती सियासी जुगलबंदी भाजपा के लिए राहत का संकेत है। एक ओर जहां लंबे समय से पार्टी के भीतर गुटबाज़ी की चर्चाएं चल रही थीं, वहीं अब यह एकता आगामी निकाय व पंचायत चुनावों में भाजपा को मजबूत स्थिति में ला सकती है। इस जुगलबंदी से न केवल कार्यकर्ताओं में उत्साह लौटेगा, बल्कि विपक्ष को भी संदेश मिलेगा कि भाजपा अपनी आंतरिक राजनीति को साधने में सफल हो रही है। खासकर किरोड़ी लाल मीणा जैसे प्रभावशाली नेता का समर्थन भाजपा के जनाधार वाले इलाकों में निर्णायक साबित हो सकता है। राजनीति में कभी-कभी एक तस्वीर हज़ार शब्दों से ज़्यादा बोलती है।


