




भटनेर पोस्ट डेस्क.
भारत विकास परिषद, इकाई हनुमानगढ़ संगम के तत्वावधान में आयोजित एक भव्य समारोह में देश के सर्वाेच्च वीरता पुरस्कार ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित कारगिल युद्ध नायक सूबेदार मेजर (सेवानिवृत्त) योगेंद्र यादव का सम्मान कर समूचे शहर ने वीरता, साहस और राष्ट्रभक्ति को सलाम किया। समारोह का आयोजन ऐसा था मानो संगठन एक स्वर में अपने वीर सपूत को नमन कर रहा हो। परिषद के संरक्षक सुरेंद्र गाड़ी, अध्यक्ष महेश जसूजा, सचिव आशीष सक्सेना, कोषाध्यक्ष प्रदीप मित्तल एवं अन्य सदस्यों ने पुष्पहार अर्पित कर और स्मृति चिन्ह भेंट कर योगेंद्र यादव का अभिनंदन किया।
समारोह का सबसे भावुक और प्रेरणादायी क्षण तब आया जब योगेंद्र यादव ने कारगिल युद्ध के अपने साहसिक अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे दुश्मन के भयंकर हमले के बीच वे अपने साथियों के साथ शेरशाह पहाड़ी पर विजय प्राप्त करने में सफल हुए। यादव ने बताया कि उन्हें युद्ध के दौरान 17 गोलियां लगीं, लेकिन उनके साहस और जुझारूपन ने उन्हें जीवन की ओर लौटाया। अस्पताल में उपचार के दौरान जब उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किए जाने की खबर मिली, तो उन्होंने इसे देश के समस्त सैनिकों को समर्पित कर दिया।
समारोह में शहर के अनेक प्रतिष्ठित नागरिकों ने भाग लिया। इनमें भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष विकास जुनेजा, पूर्व सचिव अंकुर मुंजाल, पूर्व कोषाध्यक्ष सिंपल बंसल, एससकेडी यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन दिनेश जुनेजा, हनुमानगढ़ इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर भारतेंदु सैनी, अरुण अग्रवाल, मनोज सिडाना, राजेंद्र कासनिया, महेंद्र उर्फ बाबू भाई, पम्मी सहित अनेक गणमान्य शामिल रहे। सभी ने योगेंद्र यादव की वीरता को सराहा और उनके अनुभवों को युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया। समारोह के दौरान देशभक्ति के गीतों की मधुर प्रस्तुति और देश के लिए शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि ने माहौल को भावविभोर कर दिया। पूरा वातावरण राष्ट्रभक्ति के रंग में डूबा नजर आया।



