मिथिला कॉलोनी में गूंजे जय श्रीपरशुराम के जयकारे, मैथिल ब्राह्मणों ने लिया ये संकल्प

भटनेर पोस्ट सिटी डेस्क.
हनुमानगढ़ टाउन की मिथिला कॉलोनी उल्लास, श्रद्धा और उत्साह से सराबोर हो उठी, जब राजस्थान मैथिल ब्राह्मण परिषद की ओर से भगवान परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। ‘जय श्री परशुराम’ के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया, मंगल गीतों की स्वर लहरियों ने कॉलोनी को जैसे सांस्कृतिक स्पंदन से भर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार से हुई, जिसे पं. विकास झा ने विधिवत रूप से संपन्न कराया। जैसे-जैसे मंत्रों की ध्वनि गूंजती गई, उपस्थित श्रद्धालुओं के चेहरे पर भक्ति और गौरव का तेज स्पष्ट झलकने लगा। कार्यक्रम में परिषद के अध्यक्ष देवकीनंदन चौधरी, महासचिव शिन्टु मिश्रा, सचिव अमित मिश्रा, उपाध्यक्ष संतोष झा, प्रवक्ता संदीप मिश्रा, तथा रामभरोष झा, आनंद झा, राजेश चौधरी, राजा चौधरी, कांति मिश्रा सहित अनेक सदस्य मौजूद रहे।
राजस्थान मैथिल ब्राह्मण परिषद अध्यक्ष एडवोकेट देवकीनंदन चौधरी ने भगवान परशुराम के जीवन और योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा,‘ भगवान परशुराम केवल एक योद्धा नहीं, सनातन धर्म की रीढ़ हैं। वे विष्णु के छठे अवतार के रूप में पृथ्वी पर आए, जिन्होंने अन्याय और अधर्म के विरुद्ध शस्त्र उठाकर समाज को मर्यादा का मार्ग दिखाया। उनका जन्म ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर हुआ, लेकिन उनका जीवन पूरी मानवता को समर्पित रहा। आज जब समाज अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है, तब परशुराम जैसे आदर्शों की सर्वाधिक आवश्यकता है।’ उन्होंने यह भी कहा कि मैथिल ब्राह्मण समाज को संगठित होकर शिक्षा, संस्कृति और सेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
महासचिव शिन्टु मिश्रा ने कहा, ‘भगवान परशुराम हमारे आत्मगौरव और सांस्कृतिक अस्मिता के प्रतीक हैं। हमें गर्व है कि हम उस परंपरा से जुड़े हैं जिसने ज्ञान, तप, और बल के आदर्श स्थापित किए। राजस्थान में मैथिल ब्राह्मणों की भूमिका को और सशक्त बनाने के लिए परिषद द्वारा विविध योजनाएं बनाई जा रही हैं, चाहे वह विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति हो या युवाओं को संगठित करने हेतु सांस्कृतिक शिविर।’ उन्होंने आगामी माह में हनुमानगढ़ में एक विशाल ‘मैथिल सम्मेलन’ आयोजित करने की भी घोषणा की, जिसमें सभी मैथिल ब्राह्मणों को आमंत्रित किया जाएगा।
कार्यक्रम में उपस्थितजनों ने परशुराम जयंती को केवल पर्व नहीं, एक सामाजिक चेतना के रूप में मनाने का संदेश दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी सदस्यों ने मैथिल समाज के उत्थान हेतु एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया।

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