







भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
बीती रात जब पूरा शहर गहरी नींद में था, तभी हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज के पास एसटीपी के निकट बने वाटर डैम का बंधा अचानक टूट गया। देखते ही देखते गंदा पानी अबोहर बाइपास को पार करता हुआ तेजी से सिविल लाइंस की तरफ बढ़ने लगा। हालात इतने गंभीर हो गए कि कुछ ही देर में एडीएम उम्मेदीलाल मीणा के सरकारी आवास तक पानी पहुंच गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर नगरपरिषद की टीम एक घंटे भी देर से पहुंचती तो पूरा सिविल लाइंस इलाका गंदे पानी से लबालब भर जाता और बर्बादी का मंजर सामने आ जाता।

सूचना मिलते ही पूर्व सभापति सुमित रणवां अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उनके साथ पूर्व पार्षद तरुण विजय, मनोज सैनी, शेर सिंह, रमजान भाटी, मुकेश भार्गव और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। चारों ओर अंधेरा था, बिजली की व्यवस्था नहीं थी और पानी का बहाव इतना तेज कि कर्मचारी तक डर गए। बावजूद इसके सभी ने मिलकर नगरपरिषद के अमले को सक्रिय किया और एकजुट होकर हालात पर काबू पाने की कोशिश शुरू की।

करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार बंधे को काबू में किया गया। इस दौरान पोकलेन मशीन का आ जाना राहत की बात रही, जिससे काम आसान हो गया और पानी के फैलाव को रोका जा सका।

पूर्व पार्षद तरुण विजय ने ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम्’ से कहा कि पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में बाइपास को पार कर सिविल लाइंस में घुस गया। मेरे घर के आसपास पानी लबालब भर गया है। कुछ मकानों में दरारें भी आ गई हैं। अगर सुमित रणवां और उनकी टीम समय पर नहीं पहुंचती तो पूरा इलाका डूब जाता।

लाइव रिपोर्टिंग कर रहे ‘पब्लिक प्लस’ के पत्रकार बलजीत सिंह, जो घटनास्थल पर मौजूद थे, ने कहा कि हालात बेहद विकट थे। लेकिन पूर्व सभापति और पार्षदों ने कर्मचारियों के साथ मिलकर जो साहस दिखाया, वह काबिलेतारीफ है। अगर उनकी त्वरित कार्रवाई नहीं होती तो आज सिविल लाइंस की तस्वीर भयावह होती।

पूर्व पार्षद प्रतिनिधि मुकेश भार्गव ने बताया कि लगातार हुई बारिश से डैम ओवरफ्लो हो गया था। पानी को रास्ता चाहिए था और बंधे का एक हिस्सा पहले से कमजोर था। नतीजा यह हुआ कि दबाव झेल न पाने के कारण वही हिस्सा टूट गया। फिलहाल टूटे हिस्से को मजबूत किया जा रहा है ताकि दोबारा खतरा न बने।

जानकारी के अनुसार, डैम का पानी बेबी हैप्पी कॉलेज के आसपास भी भर गया, जिससे कॉलेज परिसर प्रभावित हुआ।
नगरपरिषद आयुक्त सुरेंद्र यादव ने बताया कि जिन इलाकों में पानी घुस गया है, वहां मोटरों के जरिए पानी निकाला जा रहा है। इसके बाद स्वास्थ्य संबंधी खतरे को देखते हुए दवाइयों का छिड़काव कराया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत कार्य जारी हैं।

गनीमत यह रही कि समय पर सूचना मिल गई और स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासन ने तत्परता दिखाई। वरना सिविल लाइंस के सैकड़ों परिवार संकट में फंस जाते। जानकारों का कहना है कि यह घटना इस ओर भी इशारा करती है कि शहर की जल निकासी और डैम संरचना की नियमित मॉनिटरिंग जरूरी है। बारिश के मौसम में छोटी सी चूक भी बड़े खतरे में बदल सकती है। रात के अंधेरे में, गंदे पानी और तेज बहाव के बीच जनप्रतिनिधि और कर्मचारी जिस तरह एकजुट होकर डटे रहे, उसने साबित कर दिया कि आपदा की घड़ी में सामूहिक प्रयास ही सबसे बड़ा हथियार है।


