पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप ने घग्घर को लेकर जताईं चिंता, जानिए..क्यों ?

भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
पूर्व जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने घग्घर में भारी मात्रा में पानी आने की संभावनाओं को देखते हुए प्रशासन को सजग रहने की नसीहत दी। आज यानी मंगलवार को कलक्टर रुक्मणि रियार से मिलकर पूर्व मंत्री ने घग्घर बहाव क्षेत्र की तकनीकी खामियों से उन्हें अवगत करवाया। पूर्व मंत्री ने कहाकि घग्घर बहाव क्षेत्र में बंधे बेहद कमजोर हैं। ऐसे में ज्यों ही सूचना मिली फौरन बहाव क्षेत्र के छोटे बांधों को मजबूत करने की कार्रवाई शुरू होनी चाहिए थी लेकिन प्रशासन ने अब तक ऐसा कोई प्रयास नहीं किया।

पूर्व मंत्री के मुताबिक, घग्घर नदी की वजह से हनुमानगढ़ दो भागों में बंटा है। साल 1995 में शहर बाढ़ की विभीषिका झेल चुका है। ऐसे में जरा सी लापरवाही का बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है। इसलिए प्रशासन को तत्परता दिखानी चाहिए। चूंकि 15 वर्षों से ज्यादा पानी नहीं आया इसलिए बंधों की मजबूती की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस वक्त सबसे अधिक जरूरत बंधों की मजबूती है।

आसपास के किसानों ने छोटे बांधों को भी संकरा कर दिया है। कई जगह ऐसी हैं, जहां पांच-पांच बीघा क्षेत्र से घग्घर नदी बहती थी, आज महज एक बीघा जगह बची है। पूर्व मंत्री ने जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहाकि इस तरह के नाजुक समय में सबको अपनी जिम्मेदारी निभाने की कोशिश करनी चाहिए। भाजपा जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई ने कहाकि जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे सरकारी कार्यक्रमों में मेहमाननवाजी करवाने के बजाय आम आदमी की तकलीफों में शरीक हों और जनप्रतिनिधि होने का धर्म निभाएं।

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