भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अश्वनी पारीक को पार्टी ने एक और बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्हें कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष पद की कमान भी सौंपी गई है। जिलाध्यक्ष बनने के बाद अश्वनी पारीक जोश ओ खरोश के साथ संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुट गए हैं। ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ के साथ खास बातचीत में कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष व डीसीसी प्रवक्ता अश्वनी पारीक ने कहाकि निकाय और पंचायतीराज चुनावों में कांग्रेस को मजबूती दिलाने की कोशिश करेंगे। हनुमानगढ़ नगरपरिषद में कांग्रेस का बोर्ड बने, इसके लिए समर्पित कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम तैयार की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में कांग्रेस से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी और हनुमानगढ़ में कांग्रेस शहर की सरकार बनाएगी। प्रस्तुत है बातचीत के संपादित अंश…..
कांग्रेस में सेवादल को आप किस तरह देखते हैं ?
-आप जानते हैं कि जाने-माने विचारक एन सुब्बाराव जी ने 1923 में हिंदुस्तानी सेवादल की नींव रखी थी। साल 1931 में इसका नाम कांग्रेस सेवादल रखा गया। पंडित जवाहरलाल नेहरू इसके प्रथम अध्यक्ष थे। ‘देश का बल, सेवादल’ इसी उद्घोष के साथ संगठन ने सदैव परचम लहराया है। इसे आप कांग्रेस की वैचारिक इकाई कह सकते हैं जहां पर अनुशासन सर्वोपरि है। कांग्रेस की एकमात्र यूनिट है जहां पर सदस्यों के लिए गणवेश निर्धारित है। सफेद वस्त्र और सिर पर टोपी। इसका आशय है कि कांग्रेस का सिपाही सच्चाई और ईमानदारी के साथ मानवता की रक्षा करेगा। सिर पर गांधीवादी टोपी लगाने का अर्थ है कि गांधीजी के आदर्श को ताज की तरह रखे। सेवादल कार्यकर्ताओं की प्रशिक्षित टीम है। आपने देखा होगा, भारत जोड़ो यात्रा में सबसे आगे तिरंगा लेकर चलने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कांग्रेस सेवादल कार्यकर्ताओं की थी। मुझे भी राहुल गांधीजी के साथ तिरंगा थामकर चलने का सौभाग्य मिला। और हां, सबसे बड़ी बात यह कि कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं में कोई महत्वाकांक्षा नहीं होती। मुझे ही लीजिए। बचपन से तिरंगे के प्रति दीवानगी है। फौज में जाना चाहता था, इच्छा पूरी नहीं हुई। परमात्मा ने मेरी सुन ली। आज कांग्रेस सेवादल का जिलाध्यक्ष बनने का सौभाग्य मिला जिसके लिए आन, बान और शान सब कुछ तिरंगे की रक्षा करना है। मरने के बाद तिरंगे से लिपट कर जाउं, यही इच्छा है।
सेवादल अपनी पहचान बनाए रखने में विफल रहा है। आप क्या कहते हैं ?
-देखिए…, इस मसले पर मेरा कुछ ज्यादा कहना उचित नहीं होगा। हां, आपकी बात से असहमति जताने का भी कोई ठोस कारण नहीं है। इतना कह सकता हूं कि भारत रत्न राजीव गांधीजी के समय तक कांग्रेस सेवादल का अपना महत्व रहा है। बाद में जो कुछ हुआ, सामने है। ऐसा भी नहीं कि सेवादल की पहचान खत्म हो गई। संगठन के कार्यक्रम होते रहते हैं, लेकिन मीडिया का ध्यान नहीं जाता या फिर उसे कवरेज नहीं मिलता। इससे आम जन तक जानकारी नहीं पहंुच पाती। अब राहुल गांधीजी सेवादल पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। हमें भरोसा है, नई टीम बेहतरीन काम करेगी।
जिला टीम का गठन कब तक करेंगे और टीम में किस तरह के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी ?
-जिला टीम गठित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इच्छुक कार्यकर्ताओं से आवेदन लिए जा रहे हैं। संगठन में वैचारिक, समर्पित और सक्रिय कार्यकर्ताओं को जगह मिलेगी। अभी 10 नवंबर तक आवेदन लेने का समय है। जो कार्यकर्ता इस वक्त किसी पद पर नहीं हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। आपको इस वक्त यकीन दिला सकता हूं कि 30 नवंबर तक जिला टीम घोषित कर दी जाएगी। अगले साल निकाय और पंचायतीराज चुनाव हैं। हमारा प्रयास है कि कार्यकर्ताओं की ऐसी मजबूत टीम तैयार हो जिससे हनुमानगढ़ नगरपरिषद में कांग्रेस का मजबूत बोर्ड बने, पंचायत समितियों में कांग्रेस के प्रधान बनें। जिला परिषद में कांग्रेस का बोर्ड बने। इसके लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम है। राजनीतिक विचारधारा से लेकर कांग्रेस सरकारों की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में टीम को प्रशिक्षित करेंगे ताकि वह आम जनता के बीच कांग्रेस का परसेप्शन तैयार करे।
बतौर जिलाध्यक्ष संगठन को लेकर आपकी प्राथमिकता क्या रहेगी ?
-इस मसले पर जैसा पहले बताया कि नगरपरिषद और पंचायतीराज चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं की ऐसी समर्पित और जूझारू टीम तैयार करना हमारी प्राथमिकता है जो कांग्रेस के लिए उपयोगी साबित हों। इस मुद्दे पर पूर्व विधायक चौधरी विनोद कुमार जी और कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी जी से झण्डी मिल चुकी है। बेहतर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को टिकट दिलाने के लिए मैं व्यक्तिगत तौर पर प्रयास करूंगा। कांग्रेस में अब वैचारिक तौर पर मजबूत कार्यकर्ताओं को अवसर देने की जरूरत है ताकि अवसरवादियों को निरुत्साहित किया जा सके।
मीडिया को लेकर वरिष्ठ नेता तल्ख टिप्पणी करते हैं। आप प्रवक्ता भी है। क्या कहना है ?
-देखिए। यह नेशनल लेवल का इश्यू है। हनुमानगढ जिले की बात करें तो यहां ऐसा कुछ भी नहीं। यहां की पत्रकारिता निष्पक्ष है। हर दलों को उचित महत्व दिया जाता है। अपवाद को छोड़ दें तो सभी मीडियाकर्मी अच्छे हैं। नेशनल लेवल पर जो स्थिति है, उसे देख हर भारतीय को तकलीफ होती है। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। मीडिया का काम बाकी स्तंभों में आई कमियों को सामने लाना था ताकि लोकतंत्र मजबूत रहे। करीब 12 साल से मीडिया की क्या स्थिति है, आपके सामने है। राहुल गांधी की छवि खराब करने के लिए अभियान चलाए जाते हैं। किसी नेता व पार्टी विशेष की छवि चमकाना और गिराना मीडिया का काम थोड़े न है? इस पर मैं क्या कहूं, आप ज्यादा जानते हैं। कुल मिलाकर नेशनल मीडिया को आत्ममंथन करना ही होगा।