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हनुमानगढ़ सर्किट हाउस में ओबीसी संवाद में ओबीसी वित्त एवं विकास आयोग के अध्यक्ष पवन गोदारा ने कहा-‘कोरोना के समय जिस तरह से जीवन ठहर गया था, राजस्थान एकमात्र प्रदेश था जिसमें मुख्यमंत्री गहलोत की बेहतरीन मॉनिटरिंग की वजह से कम से कम कैजुअल्टी हुई। भीलवाड़ा मॉडल को पूरे देश में सराहा गया। राज्य सरकार ने अनेकों योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया, महंगाई राहत कैंप में 10 योजनाओं कि गारंटी दी गई, राइट टू हेल्थ, चिरंजीवी में 25 लाख तक का निशुल्क इलाज दिया गया। देश ही नहीं विदेशों में भी कहीं भी 25 लाख तक का निशुल्क ईलाज नहीं है।’
पवन गोदारा बोले-अब राजस्थान का कोई भी वाशिंदा सरकारी, निजी अस्पतालों में अपना इलाज निशुल्क करवा सकते है। इसके अतिरिक्त अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के तहत निशुल्क राशन, गैस सिलेंडर योजना के तहत ₹500 में गैस सिलेंडर जैसी योजना में राजस्थान में लागू की गई है। कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू की गई। 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बने गहलोत ने पड़े अकाल को सुकाल में बदलने का कार्य किया, जिसमें इंसानों को ही नहीं पशुओं को भी भूखे नहीं करने दिया। दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने पर निशुल्क जांच, निशुल्क दवाइयों की योजनाए शुरू की गई। मुख्यमंत्री गहलोत खुद ओबीसी वर्ग से आते है और ओबीसी के दर्द को भलीभांति समझते हैं। इतनी सारी योजनाओं के बावजूद भी प्रदेश वित्तीय रूप से भी तरक्की कर रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री की फाइनेंसियल मैनेजमेंट बहुत बेहतरीन है।
गोदारा ने कहा कि ओबीसी आयोग बनने के बाद इसकी कमान मुझे सौंपी गई और 2 वर्ष तक हमने सभी जिलों का दौरा किया और सुझाव मांगे। सुझावों के आधार पर हमने आमजन की जरूरत को समझते हुए 5 लाख तक अनुजा निगम से लोन पर सरकारी कर्मचारी की गारंटी को हटा दिया। इसी सिलसिले में हमने ऑनलाइन क्यूआर कोड जारी कर सुझाव मांगे, जिसमें सिर्फ हनुमानगढ़ जिले से ही 8000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। अब ऑनलाइन प्राप्त सुझावों के दस्तावेजों को हम सरकार को सौंप रहे हैं। पवन गोदारा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तुलना बड़-पीपल के पेड़ से की। बोले-मुख्यमंत्री बड़-पीपल की तरह हैं। जिस तरह बड़ और पीपल के पेड़ हमेशा ऑक्सीजन देते हैं उसी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी आमजन के लिए बेहतरीन करने की कोशिशों में जुटे रहते हैं।
बीसूका कार्यक्रम के उपाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा चिकित्सा, शिक्षा व सभी क्षेत्रों में अनेकों नवाचार किए गए हैं। इसी नवाचार की कड़ी में ओबीसी आयोग का गठन किया गया और मुख्यमंत्री के नवाचारों के उद्देश्य को आगे बढ़ते हुए ओबीसी आयोग के अध्यक्ष पवन गोदारा ने क्यूआर कोड के माध्यम से ऑनलाइन सुझाव आमंत्रित किए हैं। दादरी ने कहा कि राजस्थान की योजनाओं की चर्चा पूरे प्रदेश में है।
कार्यक्रम में जिला जिला अहिंसा प्रकोष्ठ के सहसंयोजक तरुण विजय, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष जितेंद्र गोयल, सदस्य विजय सिंह चौहान, बलबीर सिद्धू, बेबी जैन, देवीलाल मटोरिया, प्रेमराज जाखड़, प्रेमराज नायक, जिला युवा अधिकारी रीना केसरिया, डीओआईटी संयुक्त निदेशक योगेंद्र कुमार, सांख्यिकी विभाग सहायक निदेशक विनोद गोदारा, आईसीडीएस उपनिदेशक प्रवेश सोलंकी, समाज कल्याण विभाग सहायक निदेशक विक्रम सिंह शेखावत, उद्योग के महाप्रबंधक हरीश मित्तल, एपीआरओ राजपाल लंबोरिया इत्यादि उपस्थित रहे। मंच संचालन भीष्म कौशिक ने किया। एसीईओ सुनील छाबड़ा ने आभार जताया।