‘अपना घर’ पहुंचे रयान कॉलेज के स्टूडेंट्स, फिर क्या हुआ ?

भटनेर पोस्ट न्यूज सर्विस.
हनुमानगढ़ टाउन स्थित ‘अपना घर’ यानी वृद्धाश्रम की चारदिवारी व छत को देखकर अतीत को याद करते बुजुर्गों को यह सुनकर सहसा विश्वास नहीं हुआ कि रयान कॉलेज के विद्यार्थी अपने व्याख्याताओं के साथ दीपावली पर उनसे आशीष मांगने आए हैं। यह सोचकर ही उनकी आंखें डबडबा उठीं। दरअसल, अपनों से दूर बुजुर्गों के चेहरों पर खुशी लाने के लिए रयान कॉलेज के बी.कॉम. और बीसीए के विद्यार्थियों ने टाउन स्थित ’अपनाघर वृद्धाश्रम’ में बुजुर्गों के साथ दीपावली मनाई। बच्चों ने वृद्धों को व्यंजन, दीपक तथा अन्य उपहार भेंट किये।
रयान कॉलेज प्राचार्य डॉ. संतोष राजपुरोहित बताते हैं कि वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों के चेहरों पर मुस्कान लाने, मानसिक शांति प्रदान करने के उद्देश्य से महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बुजुर्गों के साथ दिवाली मनाने का निर्णय लिया। महाविद्यालय सहायक आचार्य जगदीश जिन्दल ने कहा कि अपनों से ठुकराए ये बुज़ुर्ग महाविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ छोटी-छोटी खुशियों से अपने जीवन में रंग भर रहे हैं। बुजुर्गों ने भी रयान कॉलेज का आभार व्यक्त किया और कहा कि यही लोग अब उनके परिवार के सदस्य हैं। इस मौके पर सभी बुजुर्गों के चेहरे की खुशी देखते ही बनती थी। उन्हें अपनों से दूर होने का एहसास नहीं बल्कि एक बड़े परिवार में शामिल होने का एहसास हो रहा था। इस मौके पर डॉ. अमित कुमार फुटेला, अमरदीप सिंह, आरती शर्मा, मोनिका गर्ग सहित महाविद्यालय के बी.कॉम. व बीसीए संकाय के विद्यार्थी मौजूद थे।

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