भटनेर पोस्ट न्यूज सर्विस.
हनुमानगढ़ टाउन में श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में रामलीला का मंचन किया गया। बीती रात राजतिलक के प्रसंग का मंचन किया गया। मुख्य अतिथि प्राइवेट कॉलेज संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरुण विजय व बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज के अध्यक्ष आशीष विजय ने भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ किया। राज्याभिषेक के पश्चात अयोध्या में रंगीन आतिशबाजी की गई। रामलीला समिति की ओर से रामलीला में भाग लेने वाले पात्र, कलाकारों को सम्मान प्रतीक व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया। इस मौके पर श्री रामलीला समिति के संरक्षक बालकृष्ण गोल्याण व अध्यक्ष अर्चित अग्रवाल ने शहर की सभी संस्थाओं, प्रबुद्व नागरिकों, जनता जनार्धन, पुलिस प्रशासन, नगर परिषद प्रशासन, पत्रकारों, सनातन श्री सनातन महावीर दल के स्वय सेवको, स्टेज मंच संचालक प्रहलाद गुप्ता, स्टेज व्यवस्था प्रभारी सुन्दर बंसल का आभार जताया। बाद में 100 ग्राम चांदी के सिक्के का लकी ड्रा निकाला गया। यह ड्रा संजय सर्रंाफ सपुत्र कामरेड राधेश्याम सर्राफ, नई धान मंडी हनुमानगढ़ टाउन के नाम निकला। इस लकी ड्रा के निर्णायक मंडल सदस्य अमरनाथ सेवा समिति के सचिव इंद्रजीत चराया, गुड़ खंड व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष मुरारीलाल अरोड़ा व नगर परिषद के लेखाशाखा के भारत शर्मा थे। रामलीला समिति के डायरेक्टर प्रेम रतन पारीक ने आभार जताते हुए कहा कि रामलीला मंचन करते समय मर्यादा का पूर्ण ध्यान रखा गया फिर भी किसी प्रकार की कोई त्रुटि हो गई हो तो उसके लिए श्रमा प्रार्थी हैं। शहर की जनता द्वारा जो सहयोग रामलीला को मिला उसके बलबूते पर ही लगातार 64 वर्षों से इस रंगमंच पर रामलीला का मंचन किया जा रहा है। रामलीला समिति सचिव पवन खदरिया ने कहाकि आज से 64 वर्ष पूर्व लिच्छी राम तलवाडिया ने इस रामलीला रूपी पौधा लगाया था, जो आज वटवृ़़क्ष के रूप में फैल गया है। इस रामलीला स्टेज की इतनी मान्यता है जो भी कुछ मांगो वह मिलता है, इस स्टेज पर दक्षिण मुखी बालाजी विराजते हैं, श्रद्धालु उस दिन अपनी मनौतियां मांगते है व जिनकी पूर्ण हो जाती है वे सवामणी चढाते है। इस स्टेज को मन्दिर कि तरह पूजा जाता है। अध्यक्ष अर्चित अग्रवाल ने बताया आज तक तलवाड़िया परिवार इस रामलीला से जुड़ा हुआ है। इस स्टेज की मान्यता के बारे में बताया कि पहली बार रामलीला समिति द्वारा चांदी के सिक्के से देवी देवताओं के तिलक की प्रक्रिया प्रारम्भ की थी। उस वर्ष यह सिक्का राज कुमार हिसारिया परिवार को निकला था जो उसी वर्ष राज कुमार हिसारिया नगर परिषद के सभापति बने।