भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
जनप्रतिनिधियों यानी नेताओं के बारे में कहा जाता है कि वे चुनाव के बाद दर्शन नहीं देते। लेकिन हनुमानगढ़ जिले में अजीब स्थिति बनी हुई है। नेताजी तो अब चुनाव के दौरान भी ‘गायब’ हैं। नेताओं के आवास पर ‘दरबार’ तो लगता है लेकिन ‘महाराज’ का आसन खाली। पूछने पर बताया जाता है कि ‘साहब’ दिल्ली के ‘दरबार’ में ‘हाजिरी’ दे रहे हैं। इसी से नेताजी की सियासी तकदीर संवरने की संभावना है।
उधर, जिले की पांच सीटों पर चार दिन में महज आठ प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। नोहर और पीलीबंगा सीट पर तो अब तक खाता भी नहीं खुला है। काबिलेगौर है, अब नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए महज तीन दिन बाकी है। रविवार को नामांकन दाखिल करना संभव नहीं है।
टिकट फाइनल न होने से हर सीट पर पसोपेश की स्थिति है।
टिकट फाइनल न होने से हर सीट पर पसोपेश की स्थिति है।
बीजेपी ने हनुमानगढ़ में टिकट का एलान नहीं किया है तो कांग्रेस का संगरिया और भादरा में फाइनल होना बाकी है। बसपा ने सिर्फ पीलीबंगा में टिकट की घोषणा की है जबकि आरएलपी, आम आदमी पार्टी और जजपा भी चुनाव मैदान में उम्मीदवार उतारेगी लेकिन उनकी सूची न आने से सियासी ‘सस्पेंस’ की स्थिति है। चर्चा है कि कांग्रेस-भाजपा से अंसतुष्टों पर इन पार्टियों की नजर है। यानी इन पार्टियों को अब तक मजबूत कैंडिडेट नहीं मिल पाया है।
दूसरी ओर, खबर है कि अब कांग्रेस-बीजेपी के वे दावेदार जिनका मैदान में उतरना तय है वे अब दिल्ली से अपने क्षेत्र के लिए रुख करेंगे ताकि आगामी रणनीति तय कर सकें। इसलिए समर्थकों की ओर से बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। हनुमानगढ में पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप के समर्थकों की मीटिंग टाउन स्थित पंचायती धर्मशाला और सभापति गणेशराज बंसल के समर्थकों की मीटिंग अनाज मंडी जंक्शन में प्रस्तावित है। माना जा रहा है अब यानी 3, 4 और 6 नवंबर को अधिकाधिक नामांकन दाखिल होंगे।