




भटनेर पोस्ट डेस्क.
राजस्थान की सियासत में अगले दो साल किस करवट बैठेगी, इसका संकेत अंकों की दुनिया से आया है। जाने-माने न्यूमरोलॉजिस्ट कुलभूषण जिंदल ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए 4 फरवरी 2026 से 4 फरवरी 2027 तक का समय बेहद अनुकूल और स्वर्णिम रहने वाला है। जिंदल के मुताबिक इस एक साल की अवधि में न सिर्फ राजनीतिक स्थिरता मजबूत होगी, बल्कि मुख्यमंत्री के फैसलों का प्रभाव भी अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। जिंदल कहते हैं कि भजनलाल शर्मा का मूलांक 6 है। अंकशास्त्र के हिसाब से आने वाले महीनों में मंगल का प्रभाव बढ़ने वाला है और मंगल तथा मूलांक 6 के बीच सामंजस्य कम माना जाता है। यही वजह है कि 4 फरवरी 2026 तक का समय चुनौतीपूर्ण रह सकता है। जिंदल के अनुसार इस अवधि में मुख्यमंत्री को राजनीतिक मोर्चों पर सतर्क रहना होगा, निर्णय लेने की गति पर असर पड़ सकता है और विरोधी खेमे की सक्रियता बढ़ी हुई दिखाई दे सकती है।

इसके बाद परिदृश्य बदल जाएगा। जिंदल का तर्क है कि 4 फरवरी 2026 से ऊर्जा चक्र मुख्यमंत्री के पक्ष में मुड़ेगा। यह समय उनकी नेतृत्व क्षमता, जनसमर्थन और प्रशासनिक प्रभाव को नई ऊँचाई देगा। जिंदल इसे ‘प्रभाव विस्तार का साल’ बताते हैं। उनकी थीसिस है कि इस अवधि में सरकार कई महत्वपूर्ण निर्णय लेगी जिनके सकारात्मक परिणाम दूरगामी होंगे।

हालांकि, जिंदल ने आगे के वर्षों को लेकर चेतावनी भी दी है। उनके मुताबिक साल 2028 से 2029 के बीच मुख्यमंत्री के जीवन में उथल-पुथल दिखाई दे सकती है। अंकशास्त्रीय व्याख्या में यह समय उतार-चढ़ाव, राजनीतिक दबाव और अनिश्चितताओं से भरा माना गया है। उन्होंने वर्ष 2028 को विशेष रूप से संवेदनशील बताया और यह तक कहा कि परिस्थितियाँ ऐसी बन सकती हैं कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी संकट खड़ा हो जाए। अंकशास्त्र के अनुसार यह समय ग्रहों और अंकों के टकराव का काल माना जा रहा है, जिसके चलते विपक्षी दबाव, प्रशासनिक चुनौतियाँ या दलगत राजनीति तीनों में से कोई भी स्थिति अस्थिरता का कारण बन सकती है।

कुलभूषण जिंदल सिर्फ भविष्यवाणी तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने उपाय भी सुझाए हैं। उनके अनुसार मुख्यमंत्री को विघ्नविनाशक गणेश की पूजा करनी चाहिए ताकि बाधाओं का प्रभाव कम हो सके। इसके साथ ही गोमाता को हरा चारा खिलाने और गुरु तथा शुक्र ग्रह का दान करने की सलाह दी है। प्रत्येक शुक्रव्रार को सफेद वस्तुओं का दान करें। अंकशास्त्र में इन उपायों को मन और परिस्थिति दोनों को संतुलित रखने वाला माना जाता है।






