





भटनेर पोस्ट डेस्क.
राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत का हनुमानगढ़ दौरा उस सधे हुए प्रशासक की तस्वीर लिए था, जो कठोर दिखने की जगह अपनी सादगी और गंभीरता से भरोसा जगाता है। रावत की पहचान किसी कड़क अफ़सरनुमा नेता की नहीं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान और कला मर्मज्ञ व्यक्तित्व की है। वही कलाकार, जिसने कभी टीवी पर अभिनय कर दर्शकों की वाहवाही लूटी थी। पुष्कर सीट से लगातार तीसरी बार जनादेश पाने वाले रावत पिछले दो वर्षों से भजनलाल सरकार के सबसे ज़िम्मेदारी भरे विभाग जल संसाधन का नेतृत्व कर रहे हैं। यह वही महकमा है, जिसकी एक चूक से आधा राजस्थान सूखे पर बैठ सकता है, और जिसकी सूझबूझ लाखों किसानों की उम्मीदें सींचती है।

श्रीगंगानगर जाते समय उन्होंने हनुमानगढ़ में कुछ देर ठहरकर विभागीय समीक्षा बैठक ली। विभाग की फाइलें और ग्राउंड रिपोर्ट सामने थी, और रावत उसी अंदाज़ में काम में जुटे दिखे जैसे किसी कलाकार को अपना दृश्य परफेक्ट करना हो, बारीकियों पर सीधी पकड़।

बैठक के बाद वे सहज रूप से ‘भटनेर पोस्ट’ कार्यालय पहुँचे, जहाँ चीफ एडिटर गोपाल झा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान भाजपा नेता अमित चौधरी, जिला उपाध्यक्ष ओम सोनी, महामंत्री प्रदीप ऐरी, प्रवक्ता आशीष पारीक, एसडीएम मांगीलाल सुथार, जल संसाधन विभाग जयपुर के पीआरओ सुरेंद्र सामरिया सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे। रावत ने ‘भटनेर पोस्ट’ से बातचीत में दो टूक कहाकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार नहरी तंत्र को सुधारने के लिए महाराजा गंगा सिंह के पैटर्न पर काम कर रही है। उन्होंने इसको लेकर खुलकर अपनी बात रखी।

रावत का इंटरव्यू औपचारिक सवाल-जवाब से कहीं आगे बढ़ा। जल संसाधन विभाग की नीतियाँ, दो साल में सरकार के कामकाज का मूल्यांकन, आगे का रोडमैप और उनके निजी जीवन के वे दिलचस्प पक्ष भी सामने आए, जिन्हें आम तौर पर राजनेताओं के इंटरव्यू में नजरअंदाज़ कर दिया जाता है। पूरा इंटरव्यू आज रात 8 बजे ‘भटनेर पोस्ट’ चैनल पर प्रसारित होगा, जहाँ दर्शक सिर्फ एक मंत्री नहीं, बल्कि एक जमीन से जुड़ा, शांत स्वभाव वाला और अनुभवी प्रशासक देखेंगे।
हनुमानगढ़ दौरे का सबसे अहम पड़ाव था भाखड़ा नहर परियोजना की श्याम सिंह वाला माइनर के पुनरोद्धार कार्य का निरीक्षण। यह वही माइनर है, जिसके सुधरी हालत का सीधा असर लाखों बीघा भूमि पर सिंचाई से पड़ेगा। रावत माइनर के बीच तक गए, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता खुद परखी, और अभियंताओं को साफ निर्देश दिए, ‘गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा। किसी भी स्तर पर लापरवाही दिखी, तो सख्त कार्रवाई तय है।’

सिंचाई मंत्री सुरेश सिंह रावत बताते हैं कि परियोजना की लागत 20.83 करोड़ रुपए है और कुल 29.50 किलोमीटर लंबाई में काम होना है। अभी तक 9.500 किलोमीटर में काम पूरा हो चुका है, जबकि शेरेका हेड से रावतसर हाइवे तक का कार्य पूरा कर लिया गया है। यह कार्य इंदिरा गांधी नहर की आरडी 644 से निकलने वाली दक्षिण घग्गर के टेल से शुरू होकर कालीबंगा तक फैलेगा। पुनरोद्धार से 10,000 से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, जो अब सिंचाई के लिए स्थायी पानी की उम्मीद कर सकेंगे। नहरी क्षेत्र के किसानों में इस परियोजना को लेकर काफी उत्साह है। मौके पर कई किसानों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मंत्री रावत का आभार जताते हुए कहा कि यह काम वर्षों से लंबित था और अब जमीन पर तेजी से आगे बढ़ता दिख रहा है।

निरीक्षण के दौरान हनुमानगढ़ विधायक गणेश राज बंसल, अमित चौधरी, सुमित रणवां, मुख्य अभियंता उत्तर संभाग प्रदीप रस्तोगी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। रावत ने मौजूद इंजीनियरों से विस्तृत जानकारी ली और परियोजना की समयसीमा पर विशेष जोर दिया। उनकी शैली वही रही, बिना शोर, बिना दिखावे, सीधे काम की बात।






