

भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
डबल नाम वाला अब पकड़ा जाएगा। सारे देश के वोटर लिस्ट का डेटा मशीन रीडिंग फॉर्मेट में उपलब्ध है। पहले दूसरे राज्यों की वोटर लिस्ट उपलब्ध नहीं होने से वेरिफिकेशन और जांच में वक्त लगता था। अब डबल नाम वालों को बाहर किया जाएगा। वोटर लिस्ट में जानबूझकर दो जगह नाम रखने पर एक साल की सजा का प्रावधान है। एसआईआर में घुमंतू परिवारों को भी फॉर्म दिए जाएंगे। घुमंतू परिवारों तक फॉर्म पहुंचाने के लिए बीएलओ के साथ वॉलंटियर्स की सहायता ली जाएगी।

वोटर लिस्ट के विशेष गहन परीक्षण यानी एसआईआर में प्रदेश के 70.55 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में पहले फेज में दस्तावेज लेने से जो नरेटिव बना था, उससे हमने सबक लिया। हमने पहले ही वोटर्स की मैपिंग शुरू करवा दी थी। हमारे 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं को जिस दिन से एसआईआर की घोषणा हुई है, उस दिन से ही कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।

महाजन ने कहा-जब बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म भरवाएंगे, तब तक यह आंकड़ा 80 प्रतिशत पार तक जा सकता है। 27 अक्टूबर तक राजस्थान में 5,48,84,570 वोटर्स हैं। 2002 से 2005 की वोटर लिस्ट के बाद 70.55 प्रतिशत वोटर्स की मैपिंग हो चुकी है। मतलब इनके नाम पिछली एसआईआर से मैच हो चुके। 70.55 प्रतिशत वोटर्स के नाम मैच हो चुके हैं, बाकी के मैच होने बाकी हैं। बीएलओ एप के माध्यम से 40 साल से ज्यादा एज के 79.32 प्रतिशत वोटर्स फीड हो चुके। 40 साल से कम उम्र के 22.22 प्रतिशत वोटर्स की मैपिंग हुई है। नवीन महाजन ने कहा-एसआईआर वाले राज्यों में मैपिंग में राजस्थान सबसे आगे है। राजस्थान मेंस इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया (ईसीआई) नेट पर कुल मैपिंग 49.37 प्रतिशत हो चुकी है। गुजरात में 5.73 प्रतिशत, यूपी में 13.41 प्रतिशत, एमपी में 20.09 प्रतिशत, तमिलनाडु में 21.62 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 24.27 प्रतिशत वोटर्स की ही मैपिंग हुई है। गणना फॉर्म बीएलओ घर घर जाकर भरेगा। हर वोटर को यह फॉर्म दिया जाएगा। कोई परिवार मान लीजिए बाहर गया हुआ है तो सामान्यतया वह एक महीने में वापस लौट आता है। बीएलओ हर घर पर जाकर तीन बार फॉर्म भरवाने का प्रयास करेगा। फिर भी कोई घर पर नहीं मिलते हैं तो बीएलओ फॉर्म घर पर डालकर नोटिस चस्पा करेगा। एक महीने में तीन बार बीएलओ जाएंगे।

नवीन महाजन ने कहा-बहुत से प्रदेशों की सीमाएं राजस्थान से लगती हैं। पहले दूसरे राज्यों के वोटर्स की मैपिंग यानी उन्हें खोजना मुश्किल था, क्योंकि वोटर लिस्ट नहीं थी। अब वोटर लिस्ट उपलब्ध होने से देश के किसी भी राज्य के वोटर को मैच कर सकेंगे। पुरानी एसआईआर की वोटर लिस्ट ऑनलाइन उपलब्ध है। डेटाबेस से मिलान आसान हो जाएगा। नवीन महाजन ने कहा-एसआईआर की ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर को प्रकाशित होगी। ड्राफ्ट लिस्ट में मृत वोटर्स, डुप्लीकेट नाम वाले वोटर्स, स्थायी रूप से बाहर बस चुके वोटर्स और दो जगह वोटर लिस्ट में नाम वालों के नाम हटाए जाएंगे। हटाने वाले नाम वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाएंगे। जिनके नाम पिछली एसआईआर की वोटर लिस्ट में हैं, उन्हें कोई दस्तावेज नहीं देना है। माता पिता या दादा-दादी के नाम अगर पिछली एसआईआर में है तो उन्हें पहचान का एक दस्तावेज देना होगा। इनके नाम मैच नहीं होंगे। उन्हें ईआरओ नोटिस जारी कर दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहेगा।




