



भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध हास्य कलाकार गोवर्धन असरानी का निधन हो गया। 84 वर्षीय असरानी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और मुंबई के जुहू स्थित भारतीय आरोग्य निधि अस्पताल में उपचाराधीन थे। चिकित्सकों के अनुसार उनके फेफड़ों में पानी भर जाने से सांस लेने में तकलीफ बढ़ गई थी। असरानी के निधन की जानकारी उनके मैनेजर बाबूभाई थिबा ने दी। उन्होंने बताया कि असरानी को चार दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी हैं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, दिवाली के दिन ही मुंबई में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिसमें केवल परिजन और करीबी मित्र शामिल हुए।
दिलचस्प बात यह रही कि निधन से कुछ ही घंटे पहले, असरानी के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से दिवाली की शुभकामनाओं वाला एक पोस्ट किया गया था। माना जा रहा है कि यह पोस्ट उनके परिवार या स्टाफ ने किया था।

पांच दशकों से अधिक लंबे करियर में असरानी ने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया और अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को खूब हंसाया। 1975 की सुपरहिट फिल्म ‘शोले’ में उनका निभाया गया ‘सनकी जेलर’ आज भी सिनेप्रेमियों की यादों में ज़िंदा है। उनका मशहूर संवाद ‘हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं’ भारतीय सिनेमा के इतिहास में हास्य का एक अमर उदाहरण बन गया। चार्ली चौपलिन की ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ से प्रेरित इस किरदार ने असरानी को अमर हास्य कलाकारों की श्रेणी में खड़ा कर दिया।

एफ़टीआईआई से अभिनय का प्रशिक्षण प्राप्त असरानी ने अपने करियर की शुरुआत 1967 में फिल्म ‘हरे कांच की चूड़ियां’ से की थी। उनके गुरु ऋषिकेश मुखर्जी और गुलज़ार जैसे दिग्गज निर्देशकों ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और कई फिल्मों में अवसर दिया, ‘मेरे अपने’, ‘कोशिश’, ‘परिचय’, ‘छोटी सी बात’ और ‘आज की ताज़ा ख़बर’ जैसी फिल्मों ने असरानी को दर्शकों का चहेता बना दिया। उन्होंने राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, आमिर खान, अक्षय कुमार सहित लगभग हर पीढ़ी के सितारों के साथ काम किया।

अक्सर वह नायक के दोस्त या सहायक की भूमिका में दिखाई दिए, लेकिन अपने स्वाभाविक हास्य और संवेदनशील अभिनय से हर किरदार को यादगार बना दिया। असरानी केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि हास्य का जीवंत पाठशाला थे। उनकी हंसी में जीवन का दर्शन था, सीधा, सरल और आत्मीय। आज जब सिनेमा जगत उन्हें अलविदा कह रहा है, तब हर दर्शक के मन में वही संवाद गूंज रहा है, ‘हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं’ पर इस बार, वह जेलर नहीं, बल्कि हंसी के सम्राट हमेशा के लिए अपनी दुनिया को रोशन कर चले गए।





