




भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
दीपावली की असली रोशनी तब फैलती है जब कोई अंधकार में डूबे चेहरे पर मुस्कान बिखेरता है। इसी भावना को साकार करते हुए अखिल भारतीय अग्रवाल महिला सम्मेलन एवं उपसमिति की अध्यक्ष मिताली अग्रवाल के नेतृत्व में हनुमानगढ़ की 20 झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में मिठाई, दीपक और पटाखे वितरित किए गए। इस पहल ने गरीब परिवारों के दिलों को छू लिया और समाज को संवेदना, साझेदारी व मानवता का सुंदर संदेश दिया। मिताली अग्रवाल ने कहा, ‘दीपावली का अर्थ केवल दीप जलाना नहीं, बल्कि उन चेहरों को रोशन करना है जहाँ अब भी अंधकार है।’

मिताली अग्रवाल बताती हैं कि यह पहल केवल त्योहार मनाने तक सीमित नहीं रही, बल्कि खुशियाँ बाँटने और समाज के हर वर्ग तक दीपावली की रोशनी पहुँचाने का प्रयास रही। जब समाज के संपन्न परिवारों की महिलाएँ जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आती हैं, तो त्योहारों का वास्तविक महत्व और भी बढ़ जाता है। दीपावली का असली अर्थ सिर्फ घर सजाना और दीप जलाना नहीं, बल्कि उन चेहरों को भी रोशन करना है जहाँ अंधकार और अभाव का साया है।

इस सेवा कार्य में रीनू बंसल, राज मित्तल, अंजली गोयल, निशा मित्तल, प्रीति गुप्ता, प्रियंका गोयल, ललिता बंसल, रेनू गर्ग, रिंकल गर्ग और अंजली बंसल सहित समिति की कई सक्रिय सदस्याओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। सभी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए झुग्गी परिवारों को मिठाई, दीपक, पटाखे और आवश्यक वस्तुएँ भेंट कीं।

समिति सदस्यों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में सकारात्मक ऊर्जा और संवेदनशीलता को बढ़ावा देते हैं। दीपावली के अवसर पर जरूरतमंद परिवारों के साथ खुशी साझा करना हर उस व्यक्ति का कर्तव्य है जो समाज में कुछ योगदान दे सकता है। कार्यक्रम के समापन पर मिताली अग्रवाल ने सभी सहयोगी बहनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस बार की दीपावली वास्तव में “दीपों से अधिक दिलों को रोशन करने वाली दीपावली” रही। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में भी अग्रवाल महिला सम्मेलन इस तरह के सामाजिक और मानवीय कार्यों को निरंतर जारी रखेगा ताकि हर व्यक्ति तक प्रेम और मानवीयता की रोशनी पहुँच सके।


