





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान की राजधानी अगले तीन दिनों तक प्रदेश प्रशासनिक और पुलिस तंत्र का केंद्र बनने जा रही है। राज्य सरकार सोमवार यानी 13 अक्टूबर से तीन दिवसीय कलेक्टर-एसपी सम्मेलन का आयोजन कर रही है, जिसमें प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) शामिल होंगे। यह सम्मेलन जयपुर स्थित ओटीएस (ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल) में होगा।
इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर कर सकते हैं। उनके जयपुर आगमन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। शाह सोमवार को राजधानी में ही रहेंगे और केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन भी करेंगे। साथ ही, वे गुजरात की फॉरेसिंक यूनिवर्सिटी के जयपुर कैम्पस का भी उद्घाटन कर सकते हैं।

इस सम्मेलन को कई मायनों में खास माना जा रहा है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में यह पहली बार तीन दिनों तक चलने वाला कलेक्टर-एसपी सम्मेलन है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राज्य के सभी मंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इसमें शामिल रहेंगे। मुख्यमंत्री स्वयं विभिन्न सत्रों में जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ सीधा संवाद करेंगे।

सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है, जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा और रणनीति तैयार करना। इसमें विशेष रूप से राज्य की फ्लैगशिप योजनाओं की स्थिति, ग्रामीण और शहरी सेवा शिविरों की प्रगति, मुख्यमंत्री बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्थिति, और कानून-व्यवस्था के मौजूदा हालात पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।

साथ ही, सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप जिलों में किए गए नवाचारों और अच्छे प्रशासनिक प्रयोगों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसमें प्रत्येक जिला प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में किए गए सफल प्रयासों, तकनीकी उपयोग, जनसहभागिता और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के उदाहरण प्रस्तुत करेगा। इससे अधिकारियों के बीच ‘सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का आदान-प्रदान’ संभव होगा।

सूत्रों के अनुसार, सम्मेलन में सरकार की योजनाओं की ग्राउंड रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री विशेष ध्यान देंगे। यह भी संभावना है कि विभिन्न जिलों के कलेक्टर और एसपी को मंच से अपने अनुभव और सुझाव साझा करने का अवसर दिया जाएगा। पुलिस और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय पर भी जोर रहेगा, ताकि कानून-व्यवस्था और जनसेवा के क्षेत्रों में अधिक परिणामकारी सुधार लाए जा सकें।

इस बीच, चर्चा यह भी है कि कार्मिक विभाग के सचिव डॉ. के.के. पाठक इस सम्मेलन के बाद केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के लिए रिलीव किए जा सकते हैं। पाठक इस आयोजन के संचालन और विषयवस्तु की तैयारी में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
राजस्थान सरकार इस सम्मेलन को ‘गुड गवर्नेंस और उत्तरदायित्व के मॉडल’ के रूप में पेश करना चाहती है। बीते महीनों में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कई बार संकेत दिया था कि विकास योजनाओं का असर तब तक नहीं दिखेगा, जब तक जिलों में कार्यान्वयन की रफ्तार नहीं बढ़ती। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

कुल मिलाकर, जयपुर का ओटीएस अगले तीन दिन तक राजस्थान के प्रशासनिक मंथन का केंद्र रहेगा। यहां लिए गए निर्णय न केवल जिलों के स्तर पर कार्यप्रणाली तय करेंगे, बल्कि आने वाले महीनों में राज्य शासन की प्राथमिकताओं और नीति-निर्माण पर भी प्रभाव डालेंगे। उम्मीद है कि इस सम्मेलन से राज्य प्रशासन को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी।


