






भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
राजस्थान की राजनीति में इस समय सबसे बड़ी चर्चा मंत्रिमंडल फेरबदल की है। शहरी निकाय और पंचायतीराज चुनावों से पहले भाजपा संगठन और सरकार, दोनों स्तरों पर नई ऊर्जा भरने की तैयारी में है। छह रिक्त पदों पर नए चेहरों की एंट्री लगभग तय मानी जा रही है। योगी बालकनाथ और गुरवीर बराड़ सबसे चर्चित नाम हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि भाजपा इस फेरबदल से न केवल जातीय समीकरण साधना चाहती है, बल्कि जनता में ताजगी और भरोसे का संदेश भी देना चाहती है।

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। शहरी निकाय और पंचायतीराज चुनावों से पहले राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी मंत्रिमंडल फेरबदल की तैयारी में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि चुनावी समीकरण साधने और संगठन में ऊर्जा भरने के लिए कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है, वहीं बेहतर प्रदर्शन करने वाले नेताओं को प्रमोशन का तोहफा मिलेगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, छह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलना लगभग तय माना जा रहा है।

सबसे अधिक चर्चा जिन दो चेहरों की है, उनमें पहला नाम तिजारा विधायक योगी बालकनाथ का है। उन्हें लेकर पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह सुगबुगाहट है। सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी दबाव है कि राजस्थान सरकार में बालकनाथ को जिम्मेदारी दी जाए। दिलचस्प बात यह है कि बालकनाथ का हनुमानगढ़ से गहरा नाता रहा है। वे यहीं पले-बढ़े और शिक्षा ग्रहण की। इसलिए हनुमानगढ़ क्षेत्र के लोग भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनका प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल में मजबूत होगा।

वहीं दूसरा नाम सादुलशहर विधायक गुरवीर सिंह बराड़ का है। उन्हें पंजाबी समाज का चेहरा मानकर देखा जा रहा है। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ इलाका लंबे समय से पंजाबी वर्ग की राजनीतिक सक्रियता का केंद्र रहा है। पार्टी इस वर्ग को साधने की कवायद में बराड़ को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विचार कर रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इन दोनों चेहरों की एंट्री से भाजपा न केवल जातीय समीकरण साध पाएगी, बल्कि पश्चिमी राजस्थान में अपनी स्थिति और मजबूत कर सकेगी।

वर्तमान में राज्य मंत्रिमंडल में कुल 24 मंत्री कार्यरत हैं, जबकि संवैधानिक रूप से 30 मंत्रियों की नियुक्ति संभव है। इनमें 12 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्य मंत्री और 2 उपमुख्यमंत्री शामिल हैं। यानी फिलहाल छह पद रिक्त हैं और इन्हीं पर नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी की रणनीति है कि खाली पड़े पदों पर राजनीतिक संतुलन बनाते हुए संगठन में नयी ऊर्जा का संचार किया जाए।

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल फेरबदल केवल औपचारिकता नहीं होगा। इसके पीछे पूरी रणनीति काम कर रही है। चुनाव से पहले पार्टी चाहती है कि बेहतर काम करने वाले नेताओं को पुरस्कृत किया जाए और कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इससे दो फायदे होंगे, एक ओर सरकार का संदेश जाएगा कि पार्टी कामकाज को लेकर गंभीर है, वहीं दूसरी ओर नये चेहरों को मौका देकर मतदाताओं में ताजगी और उम्मीद का माहौल बनाया जा सकेगा।

सूत्र बताते हैं कि भाजपा आलाकमान मौजूदा सरकार के प्रदर्शन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। आम जनता में भी कामकाज को लेकर निराशा का भाव है। यही वजह है कि पार्टी लगातार चुनाव की तारीखों को लेकर असमंजस में रही है। हालांकि, अब न्यायालय की सख्ती के चलते चुनाव टालना आसान नहीं होगा। ऐसे में सरकार और संगठन दोनों ही मोर्चों पर सुधार की कवायद शुरू हो चुकी है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी शहरी निकाय और पंचायतीराज चुनावों के नतीजे ही विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेंगे। भाजपा इस बात को भलीभांति समझती है। इसलिए संगठन से लेकर सत्ता तक हर स्तर पर फेरबदल और नए चेहरों को आगे लाने की तैयारी है। मंत्रिमंडल फेरबदल को इसी रणनीति की कड़ी माना जा रहा है। फेरबदल के जरिए भाजपा जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश में है। पश्चिमी राजस्थान में पंजाबी समाज का प्रतिनिधित्व, ब्रज क्षेत्र से योगी बालकनाथ की एंट्री और अन्य वर्गों को हिस्सेदारी देने का फार्मूला तैयार हो रहा है। एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संगठन और सत्ता में प्रभावशाली नेताओं और उनके समर्थकों को एडजस्ट करने की रणनीति पर काम चल रहा है ताकि आंतरिक कलह पर भी विराम लगाया जा सके। राज्य में आम मतदाता की नजर इस पूरे घटनाक्रम पर टिकी हुई है। जनता चाहती है कि मंत्रिमंडल में ऐसे चेहरे आएं जो न केवल जातीय समीकरण पूरा करें, बल्कि जमीनी स्तर पर विकास की दिशा भी तय करें। खासतौर से किसान, युवा और महिला वर्ग सरकार से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। यदि भाजपा इस बार सही संतुलन बैठाने में सफल होती है, तो चुनावी मैदान में उसे बड़ा लाभ मिल सकता है।


