





भटनेर पोस्ट डेस्क.
हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय स्थित बेबी हैप्पी मॉडर्न शिक्षा समिति को पुनर्वास परिषद नई दिल्ली एवं राजस्थान सरकार से चार वर्षीय स्पेशल इंटीग्रेटेड बी.एड. पाठ्यक्रम में हियरिंग इम्पेयरमेंट (एच आई) तथा इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटी (आई डी) विषयों में आधिकारिक मान्यता प्राप्त हुई है। इन कोर्स में में 20-20 सीटें आवंटित की गई हैं और इस कोर्स में मान्यता प्राप्त करने वाला हनुमानगढ का यह प्रथम महाविद्यालय है। अब तक जिले के विद्यार्थियों को विशेष शिक्षा के कोर्स हेतु अन्य बड़े शहरों अथवा दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था। लेकिन इस मान्यता के बाद हनुमानगढ़ में ही विद्यार्थियों को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त उच्च स्तरीय विशेष शिक्षा की पढ़ाई का अवसर मिलेगा। यह न केवल विद्यार्थियों के लिए आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से लाभकारी होगा, बल्कि दिव्यांग बच्चों के भविष्य को भी नई दिशा देगा।

कॉलेज के निदेशक तरुण विजय ने कहा कि अब जिले के विद्यार्थी अपने ही शहर में विशेष शिक्षा का अध्ययन कर सकेंगे। यह उपलब्धि हनुमानगढ़ की शैक्षणिक पहचान को और मजबूत करेगी। यह मान्यता हमारे लिए गर्व और जिम्मेदारी दोनों है। हमारा उद्देश्य ऐसे शिक्षक तैयार करना है जो न केवल दिव्यांग बच्चों की जरूरतों को समझें बल्कि उनके जीवन को नई दिशा दें।

कॉलेज चेयरमैन आशीष विजय ने कहा कि यह सफलता हमारी शिक्षा गुणवत्ता और समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है। हमारा सपना है कि हनुमानगढ़ से निकले विद्यार्थी दिव्यांग बच्चों की जिंदगी बदलें। राज्य सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की भर्ती की घोषणा ने इस कोर्स के महत्व को और बढ़ा दिया है। आने वाले वर्षों में यह कोर्स विद्यार्थियों के लिए सरकारी नौकरी का नया रास्ता खोलेगा।

कॉलेज के प्रशासक परमानंद सैनी ने कहा कि बेबी हैप्पी शिक्षा समिति लगातार शिक्षा क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छू रही है। विशेष शिक्षा में मिली यह मान्यता हमारी सामाजिक जिम्मेदारी को और बढ़ाती है। हमें गर्व है कि अब हमारे विद्यार्थी दिव्यांग बच्चों के लिए समर्पण और सेवा का आदर्श प्रस्तुत करेंगे।

कॉलेज के प्राचार्य विशाल पारीक ने कहा कि यह उपलब्धि संपूर्ण स्टाफ व प्रबंधन की कड़ी मेहनत का प्रतिफल है। हमारे कॉलेज का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और समाज को जिम्मेदार शिक्षक उपलब्ध कराना है। यह कोर्स हमारी शैक्षणिक साख को और मजबूत करेगा।

उप-प्राचार्य मनोज शर्मा ने कहा कि विशेष शिक्षा वास्तव में सेवा का मार्ग है। यह केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि समाज के सबसे संवेदनशील वर्ग के प्रति समर्पण की साधना है। हमें गर्व है कि हमारा कॉलेज इस दिशा में योगदान दे रहा है। इस मान्यता से अब हनुमानगढ़ के विद्यार्थियों को विशेष शिक्षा में राष्ट्रीय स्तर की पढ़ाई उपलब्ध होगी। ग्रामीण और अंचल के वे छात्र-छात्राएँ जिन्हें अब तक बड़े शहरों में जाने का अवसर नहीं मिल पाता था, वे अब अपने ही जिले में रहकर करियर बना पाएंगे।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत प्रत्येक राजकीय विद्यालय में एक-एक विशेष शिक्षक की भर्ती अनिवार्य रूप से करने की घोषणा की है। इसका सीधा लाभ इस कोर्स से पासआउट विद्यार्थियों को मिलेगा। आने वाले वर्षों में यह कोर्स युवाओं के लिए सरकारी सेवा में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करेगा और दिव्यांग बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा।

इस उपलब्धि की घोषणा के बाद न केवल शिक्षा जगत, बल्कि सामाजिक संगठनों, अभिभावकों और विद्यार्थियों में भी खुशी की लहर है। सबका मानना है कि बेबी हैप्पी शिक्षा समिति ने जिले को प्रदेश और देश की विशेष शिक्षा मानचित्र पर स्थापित कर दिया है। यह मान्यता केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का प्रतीक है। आने वाले समय में यह कदम हनुमानगढ़ को विशेष शिक्षा और दिव्यांग पुनर्वास का हब बना सकता है।



