








विजय मिड्ढ़ा. भटनेर पोस्ट.
हनुमानगढ़ नगर परिषद रामलीला रंगमंच पर श्री रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के चौथे दिन का मंचन पूरे भव्यता और उत्साह के साथ हुआ। शाम की शुरुआत शिव शंकर की सचेतन झांकी और पूजा-अर्चना से हुई। आरती का आयोजन कपड़ा एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा किया गया। झांकी समाप्त होते ही दर्शकों ने दशरथ दरबार का दृश्य देखा। तत्पश्चात विश्वामित्र (द्वारपाल) का आगमन हुआ, जिन्होंने दशरथ (मुकेश स्वामी) से राम (ओम स्वामी) और लक्ष्मण (संजय सेन) को अपने साथ ले जाने का आग्रह किया। इसी क्रम में ताड़का वध का अद्भुत मंचन प्रस्तुत किया गया। महेन्द्र सिंह द्वारा निभाई गई ताड़का की भूमिका ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों की भीड़ इतनी अधिक रही कि ताड़का का दृश्य कई बार रोकना पड़ा। समिति सचिव दिनेश तलवाड़िया ने बताया कि पुलिस प्रशासन का कोई सहयोग नहीं मिला, भीड़ को श्री सनातन महावीर दल के स्वयंसेवकों ने संभाला।

ताड़का वध के बाद राम-लक्ष्मण का जनकपुरी के लिए प्रस्थान दिखाया गया। जनकपुरी पहुंचने पर सीता स्वयंवर का दृश्य खेला गया। जनक की भूमिका राकेश गोयल चिंटू ने निभाई, जबकि सीता के रूप में राकेश तंवर मंच पर आए। अनेक राजकुमारों के असफल प्रयास के बाद श्रीराम ने धनुष पर चढ़कर सीता का वरण किया। इसके बाद लक्ष्मण-परशुराम संवाद दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। परशुराम की भूमिका रजनीश पारीक ने निभाई, जबकि विशिष्ठ मुनि की भूमिका गोल्डी और सेठ मुनीम की भूमिका स्टेज व्यवस्था प्रभारी सुन्दर बंसल ने निभाई।

मुख्य पात्रों का शानदार अभिनय
दशरथ की भूमिका मुकेश स्वामी, श्रीराम-ओम स्वामी, लक्ष्मण-संजय सेन, सीता-राकेश तंवर, रावण-बहादुर सिंह चौहान, विश्वामित्र-द्वारपाल, ताड़का-महेन्द्र सिंह, जनक-राकेश गोयल चिंटू, परशुराम-रजनीश पारीक, वशिष्ठ मुनि-गोल्डी व सेठ मुनीम की भूमिका सुन्दर बंसल निभा रहे हैं।

समिति अध्यक्ष अर्चित अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष भी परंपरा के अनुसार प्रतिदिन 100 ग्राम के चांदी के सिक्के से देवी-देवताओं की झांकी का तिलक किया जा रहा है। यह परंपरा लगातार 14 दिनों तक चलेगी। वही सिक्का 3 अक्टूबर 2025 की रात 12.15 बजे लॉटरी द्वारा निकाला जाएगा और भगवान श्रीराम के हाथों से भाग्यशाली विजेता को प्रदान किया जाएगा।

आज के आयोजन में क्लॉथ मर्चेन्ट्स एसोसिएशन के सदस्यों को श्रीराम लीला समिति अध्यक्ष अर्चित अग्रवाल, संरक्षक बालकृष्ण गोल्याण, चांद रत्न खदरिया, सचिव दिनेश तलवाड़िया, कोषाध्यक्ष सतीश गर्ग, स्टेज व्यवस्था प्रभारी सुन्दर बंसल, हेमन्त शर्मा, मनोज गोयल और अन्य समिति सदस्यों ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

प्रह्लाद गुप्ता ने पूरे कार्यक्रम का संचालन बेहद सुंदर और जीवंत अंदाज में किया। रामलीला का निर्देशन प्रेमरतन पारीक कर रहे हैं, उप निर्देशक अशोक मिड्ढा और बहादुर सिंह चौहान हैं। मंच संचालन, व्यवस्थाओं और अभिनय का यह समन्वय दर्शकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव लेकर आया।




