





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
आधुनिक जीवनशैली और तनावपूर्ण दिनचर्या का दुष्परिणाम अब हनुमानगढ़ में साफ दिखाई देने लगा है। डायबिटीज, जिसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, अब हर उम्र की सीमाओं को तोड़कर लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। स्थिति यह है कि शहर में आयोजित ‘शुगर खोजो अभियान’ के दौरान लिए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं।

नेशनल लैब और रिलाइबल की ओर से शुरू किए गए इस अभियान के तहत हर रविवार सुबह दो घंटे निःशुल्क जांच शिविर लगाए जा रहे हैं। इनमें विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी शामिल है। ‘भटनेर पोस्ट’ ने जब इस अभियान की रिपोर्ट खंगाली तो सामने आया कि यहां शुगर के मरीजों की संख्या सामान्य से कहीं अधिक है।

अभियान के दौरान अब तक 10 हजार 600 लोगों के सैंपल लिए गए। इनमें से 56.60 प्रतिशत लोग डायबिटीज से ग्रसित पाए गए। आंकड़े बताते हैं कि 19.34 प्रतिशत लोग नए केस हैं, जिन्हें पहली बार पता चला कि वे शुगर के मरीज हैं। वहीं, 37.3 प्रतिशत लोग पहले से ही डायबिटीज से पीड़ित पाए गए। यानी, इस रिपोर्ट का विश्लेषण बताता है कि हनुमानगढ़ का हर दूसरा व्यक्ति शुगर की चपेट में है।
नेशनल लैब के संचालक और लायंस क्लब भटनेर के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ‘भटनेर पोस्ट’ से कहते हैं, ‘बदलती जीवनशैली, भागदौड़ और तनाव के कारण अधिकतर लोग शुगर के शिकार हो रहे हैं। इसी वजह से हमने ‘शुगर खोजो अभियान’ शुरू किया ताकि समय रहते लोग जागरूक हों और इलाज शुरू कर सकें।’

राहत की बात, समय पर पकड़, खतरा टला
जिन लोगों को पहली बार शुगर का पता चला, उन्होंने तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेकर दवा शुरू की है। विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज का समय पर पता चलना ही सबसे बड़ी राहत है। यदि लापरवाही बरती जाए तो यह बीमारी किडनी, आंख, दिल और नसों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।

संस्थाओं की साझी पहल
इस अभियान को सफल बनाने में लायंस क्लब, रोटरी क्लब, एकता मंच हनुमानगढ़, नेकी की रसोई, रोटेक्ट क्लब जैसी संस्थाओं का सहयोग रहा। दिनेश गुप्ता का कहना है कि कोई भी संस्था यदि अपने इलाके में निःशुल्क कैम्प लगाना चाहती है तो उनसे संपर्क कर सकती है। लक्ष्य है, ‘निरोगी हनुमानगढ़’।

क्यों बढ़ रहा है शुगर का खतरा?
डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार चिंता और टेंशन की वजह से शरीर में कोर्टिसोल हार्माेन बढ़ जाता है, जो ब्लड शुगर को ऊपर ले जाता है। वहीं, पारिवारिक तनाव इंसुलिन के उत्पादन को प्रभावित करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बिगड़ता है। कई लोग अपनी शुगर जांच ही नहीं कराते। जब तक गंभीर लक्षण सामने नहीं आते, तब तक उन्हें बीमारी का पता नहीं चलता।

यूं पाएं राहत
-बिना विशेषज्ञ परामर्श के दवा न लें।
-खाने-पीने का टाइम टेबल बनाएं। नियमित और संतुलित आहार लें।
-रेगुलर जांच करें। घर पर ही दो-तीन दिन में शुगर लेवल चेक करें।
-योग और व्यायाम करें। रोजाना टहलें और तनाव कम करने के लिए ध्यान लगाएं।

अग्रवाल समाज समिति के अध्यक्ष इंजीनियर सुभाष बंसल कहते हैं, ‘शुगर खोजो अभियान’ के परिणाम सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी हैं। यह संकेत है कि हनुमानगढ़ में स्वास्थ्य जागरूकता और जीवनशैली सुधार की सख्त जरूरत है। यदि लोग अब भी लापरवाह रहे, तो आने वाले वर्षों में हालात और गंभीर हो सकते हैं।’

सामाजिक कार्यकर्ता अश्विनी गर्ग ‘आशु’ कहते हैं, ‘डायबिटीज की बढ़ती रफ्तार बताती है कि यह केवल बीमारी नहीं, बल्कि जीवनशैली की चुनौती है। इसलिए जरूरी है कि हर व्यक्ति न केवल अपनी बल्कि परिवार और समाज की सेहत को लेकर भी सजग हो।’


