





भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
यूथ के मानसिक स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक विकास को ध्यान में रखते हुए हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय स्थित श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय के योग विभाग द्वारा एक अनोखे और अभूतपूर्व शोध एवं प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों के जीवन में तनाव और अवसाद के प्रभाव को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, बल्कि इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किए जाने के उद्देश्य से भी तैयार किया गया है।

15 सितंबर को शाम 4 बजे विश्वविद्यालय में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में हज़ारों छात्रों द्वारा सामूहिक योग प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन का लक्ष्य दो नए विश्व रिकॉर्ड स्थापित करना है। ‘मानसिक सशक्तिकरण के लिए सबसे लंबा योग सत्र’ और ‘संज्ञानात्मक विकास के लिए योगाभ्यास करने वाले अधिकांश छात्र’। इस अवसर पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारी स्वयं उपस्थित रहेंगे और रिकॉर्ड की सत्यापन प्रक्रिया को पूर्ण करेंगे।

यूनिवर्सिटी के योग विभाग द्वारा तैयार विशेष योग प्रोटोकॉल छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक क्षमताओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। इसमें प्राणायाम, ध्यान, विविध योगासनों और सकारात्मक मनोवैज्ञानिक अभ्यासों का संयोजन शामिल है, जो तंत्रिका तंत्र को संतुलित कर, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस 45 मिनट के योग सत्र में पांच हजार से अधिक प्रतिभागी विभिन्न योग मुद्राओं और आसनों का प्रदर्शन करेंगे।

श्री गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा बताते हैं कि आज के समय में विद्यार्थियों के जीवन में तनाव, अवसाद और आत्मघाती प्रवृत्तियाँ समाज के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए इस विशेष प्रोटोकॉल का वैज्ञानिक आधार मानसिक विकारों और आत्मघाती प्रवृत्तियों की रोकथाम पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष विश्वविद्यालय ने इसी तरह के दो वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किए थे, जिसमें ‘महामुद्रासन’ और ‘एसकेडी स्पेशल योगासन श्रृंखला’ कार्यक्रम शामिल थे, और इस साल पुनः एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया जाएगा।

यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन दिनेश कुमार जुनेजा ने बताया कि विश्व स्तर पर किए गए शोधों से यह सिद्ध हो चुका है कि नियमित योगाभ्यास से मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे सकारात्मक न्यूरोट्रांसमीटर का स्तर बढ़ता है, जिससे अवसाद और आत्मघाती विचारों में कमी आती है। इस वैज्ञानिक आधार पर विकसित प्रोटोकॉल छात्रों के मानसिक सशक्तिकरण और समाज में सकारात्मक जीवन दृष्टि को बढ़ावा देने में सहायक होगा।

यूनिवर्सिटी के योग विभागाध्यक्ष और सुप्रसिद्ध योग विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र निकुंभ द्वारा तैयार इस प्रोटोकॉल में प्रत्येक योगासन, प्राणायाम, मुद्रा और ध्यान का एक सुविचारित अध्ययन सम्मिलित है। डॉ. निकुंभ ने इस कार्यक्रम को इस प्रकार डिजाइन किया है कि यह छात्रों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को संतुलित और सुदृढ़ बनाने में कारगर साबित हो।

इस अनूठे आयोजन में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त योगी, जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी और विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे। विश्वविद्यालय का यह प्रयास न केवल विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और मानसिक विकास को सशक्त बनाने वाला है, बल्कि हनुमानगढ़ जिले और पूरे देश में योग के महत्व और प्रभाव को भी व्यापक रूप से प्रदर्शित करेगा।

बीते वर्षों में विश्वविद्यालय ने स्ट्रैडल थ्रोन एक्रोयोगा, महामुद्रासन, रिले में योगासनों और पूर्ण भुजंगासन के क्षेत्र में चार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स स्थापित कर अपने नाम को विश्व स्तर पर चमकाया है। इस वर्ष आयोजित होने वाले 15 सितंबर के कार्यक्रम से विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की श्रृंखला और भी गौरवशाली बनने जा रही है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्यक्रम न केवल एक विश्व रिकॉर्ड प्रयास है, बल्कि विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक प्रेरणादायक और स्थायी कदम भी है। इस आयोजन से छात्रों में तनाव प्रबंधन, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच का विकास होगा, जिससे वे जीवन के हर क्षेत्र में संतुलित और सशक्त बन सकेंगे।



