





भटनेर पोस्ट एजुकेशन डेस्क.
राजस्थान के युवाओं के लिए राहत और उत्साह की खबर है। आने वाले वर्षों में राज्य सरकार की वार्षिक कार्ययोजना के तहत प्रदेश में न केवल 1000 नए आयुर्वेद औषधालय खुलने जा रहे हैं, बल्कि आयुर्वेद और योग के क्षेत्र में डिप्लोमा व प्रोफेशनल कोर्स करने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अनंत अवसर भी उपलब्ध होंगे।

राज्य सरकार ने 34 जिलों में एक हजार आयुर्वेद औषधालय खोलने का निर्णय लिया है। प्रत्येक औषधालय के लिए 10-10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। अजमेर जिले में 37, अलवर में 50, भीलवाड़ा में 51 और भरतपुर में 49 औषधालय खोले जाएंगे। इन औषधालयों में दवाइयों के साथ-साथ प्रतिदिन योगाभ्यास भी कराया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग महिला और पुरुष ट्रेनर नियुक्त होंगे।

राज्य में आयुर्वेद और योग से जुड़े कोर्सेज की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। डीएनए एंड पी, बी.एससी आयुर्वेद नर्सिंग जैसे प्रोफेशनल कोर्स अब युवाओं के लिए आकर्षक करियर ऑप्शन बनते जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इन कोर्सेज से जुड़े युवाओं के लिए रोजगार की कोई कमी नहीं रहेगी।

आयुर्वेद विभाग का निदेशालय इन औषधालयों की स्थापना उन स्थानों पर करेगा, जहां आमजन की पहुंच आसान हो। खासतौर पर ग्रामीण और ढाणी-आबादी वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोगों को आयुर्वेद से जोड़ा जाए और उन्हें आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ परंपरागत और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का लाभ मिले।
सरकार से राशि मिलने के बाद औषधालयों की स्थापना की प्रक्रिया तेज हो गई है। जिलों से प्रस्ताव मांगे जा चुके हैं.अधिकारियों के अनुसार, यह कदम राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार सृजन करने वाला साबित होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन औषधालयों से न केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा भी विस्तृत होगा। साथ ही, बड़ी संख्या में नर्सिंग, योग और आयुर्वेद से जुड़े प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

राजस्थान में इस समय युवाओं के लिए रोजगार के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा काफी अधिक है। सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले युवाओं के लिए यह खबर उम्मीद की किरण है कि आयुर्वेद महकमे में निरंतर अवसर पैदा होंगे।

राज्य सरकार का यह कदम युवाओं को रोजगार और समाज को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने वाला है। शिक्षाविदों का मानना है कि अब समय आ गया है कि युवा आयुर्वेद और योग जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज को गंभीरता से लें और इस क्षेत्र को भविष्य निर्माण का नया आधार बनाएं।

बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज प्रबंध समिति के डायरेक्टर तरुण विजय कहते हैं, ‘सरकार का यह कदम युवाओं के भविष्य को मजबूत बनाने वाला है। आयुर्वेद और योग आज के दौर में केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से ही नहीं बल्कि रोजगार की दृष्टि से भी बेहद प्रासंगिक हो गए हैं। जिन युवाओं ने इस क्षेत्र में पढ़ाई की है या कर रहे हैं, उनके लिए आने वाले साल सुनहरे अवसर लेकर आएंगे।’

टाइम्स एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सागर लड्ढ़ा कहते हैं, ‘आज का युवा करियर को लेकर सजग है। मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पारंपरिक विकल्पों से आगे बढ़कर अब युवा आयुर्वेद और योग जैसे विषयों को प्रोफेशनल कोर्सेज के रूप में चुन रहे हैं। आने वाले वर्षों में आयुर्वेदिक नर्सिंग और योग ट्रेनिंग युवाओं को स्थायी और सम्मानजनक रोजगार प्रदान करेगी।

आयुर्वेद के लब्धप्रतिष्ठ चिकित्सक और रिटायर्ड जिला आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिव कुमार शर्मा कहते हैं, ‘अब लोग एलोपैथ के बजाय आयुर्वेद पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। हालांकि दोनों अलग-अलग विधाएं हैं और दोनों का अपनी जगह महत्व है। सरकार ने आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन देने का मन बनाया है, स्वागतयोग्य है। इसमें युवाओं का भविष्य सुनिश्चित हो सकेगा।’




