





भटनेर पोस्ट डेस्क.
बीकानेर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) गौरव गोयल ने गुरुवार को हनुमानगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन का दौरा कर विभिन्न विकास कार्यों का निरीक्षण किया। उनका यह दौरा केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हो रहे निर्माण कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता का जायजा लेने के उद्देश्य से किया गया था। निरीक्षण के दौरान डीआरएम गौरव गोयल ने स्टेशन परिसर में चल रहे कार्यों को लेकर गंभीर सवाल उठाए। विशेष रूप से स्टेशन पर नवनिर्मित वीआईपी रूम में सीलन की स्थिति देखकर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाले इस रेलवे स्टेशन पर कार्यों की गुणवत्ता से समझौता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही दीवारों में सीलन और पानी टपकने जैसी समस्याएं तकनीकी लापरवाही को उजागर करती हैं। इतना ही नहीं, स्टेशन के बाहर लोहे की पाइपों की चोरी की घटना पर भी डीआरएम ने नाराजगी प्रकट की और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए निगरानी और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएं।

निरीक्षण के दौरान भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष प्रकाश तंवर ने डीआरएम के समक्ष हनुमानगढ़ रेल उपभोक्ताओं की विभिन्न समस्याएं रखीं। उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़ एक महत्वपूर्ण रेल जंक्शन है, लेकिन यहां यात्री सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। तंवर ने स्टेशन पर नई ट्रेनों का संचालन शुरू करने, वाशिंग लाइन चालू करने, और फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कराने की मांग रखी।

उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय यात्रियों को लंबी दूरी की ट्रेनों और साफ-सफाई की सुविधा की अत्यंत आवश्यकता है।
डीआरएम ने स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्टेशन पर चल रहे कार्यों में तेजी लाई जाए और सभी कार्य समय पर तथा गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अमृत भारत योजना के तहत स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है, जिससे भविष्य में यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। स्टेशन का नया स्वरूप आने वाले समय में हनुमानगढ़ को रेलवे मानचित्र पर और अधिक मजबूती से स्थापित करेगा। डीआरएम गौरव गोयल के इस दौरे से जहां रेलवे अधिकारियों में हलचल मची रही, वहीं स्थानीय लोगों को उम्मीद जगी है कि उनके शहर का स्टेशन जल्द ही अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। हालांकि निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर उठे सवाल रेलवे प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आए हैं।




