एडवोकेट रोहित अग्रवाल.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी वर्गो का ध्यान रखते हुए बहुत ही अच्छा बजट पेश किया है। पूर्व के चार बजट की तरह इस बजट में भी कोई नया कर नही लगाया गया है बल्कि पुराने करों में भी कटोती की गई है और एमेस्टी स्कीम का दायरा बढ़ाया गया है। वेट, स्टाम्प ड्यूटी, ट्रासपोर्ट, आबकारी, रिक्को, उपनिवेषन क्षेत्र संबंधी, खनन संबंधी, उर्जा संबंधी में एमेस्टी स्कीम दी गई है एवं केंद्र के बजट में जो जीएसटी में एमेस्टी स्कीम नही दी गई थी उसका ध्यान भी राज्य के बजट में रखा गया है। जिससे व्यापारी, उघमी एवं आम जन को लाभ मिलेगा। बजट मे वैट के अंतर्गत 1 लाख रूपये तक की आरएसटी व सीएसटी की डिमाण्ड को माफ किया गया है एवंम् केवल ब्याज की मांग में 30 प्रतिशत राशि जमा करवाने पर शेष माफ की गई है। जीएसटी में वर्ष 2021-2022 में राज्य जीएसटी की शास्ती को माफ किया गया है जो स्वागत योग्य है इससे जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी को राहत मिलेगी। जीएसटी एक्ट मे रिफण्ड के लिए निर्धारित 60 दिवस की समय सीमा को घटाकर 21 दिवस किया गया है जिससे राज्य के उद्यमियों व व्यापारियों का फायदा मिलेगा। इस बजट में उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए भी अनेक प्रावधान किए गए है और पूर्व में भी रीप्स 2019, रीप्स 2022 दी गई थी लेकिन जिला उधोग केद्र के अधिकारी स्कीम को पतीला लगाने का कार्य कर रहे है, जिससे स्कीम का लाभ उद्यमी नहीं ले पा रहे है। बजट अच्छा है बस जरूरत है तो इसे धरातल से लागू करने की ताकि राज्य मे अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी इसका लाभ मिले सके।
–लेखक भटनेर पोस्ट मैगजीन के मैनेजिंग एडिटर हैं