इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीताराम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा, चिकित्सा, जनकल्याण एवं उद्योगों को राहत प्रदान कर अद्वितीय बजट प्रस्तुत किया गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट का लाभ आमजन तक पहुँचे, इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। धरातल पर बजट प्रावधानों को मूर्त रूप से लागू करना चुनौतीपूर्ण है। इसलिए प्रत्येक वर्ग के हितों को लाभान्वित करना राज्य सरकार के लिए अति आवश्यक है। कार्यक्रम के अन्त में मुख्य वक्ता अधिवक्ता अग्रवाल को प्राचार्य द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर सह-आचार्य डॉ. के.बी. ओझा, सहायक आचार्य डॉ. ब्रजेश कुमार अग्रवाल, डॉ. मो. इमरान, डॉ. मो. अजवर खान, दिनेश खोथ, पुष्पेन्द्र, हरीश यादव, पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. रेशमा खातून, पुस्तकालय सहायक नीरज शर्मा, करण सोनी, करण बंसल, दिनेश कुमार, रूपल मित्तल एवं बडी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
बजट देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ : रोहित अग्रवाल
नेहरू मैमोरियल विधि महाविद्यालय में सोमवार को ‘बजट एवं संभावनाएं’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता अधिवक्ता रोहित अग्रवाल थे। अधिवक्ता रोहित ने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा पारित बजट पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि बजट देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। किसी भी देश का आर्थिक विकास उसके बजट प्रबन्धन पर निर्भर करता है। केन्द्र एवं राज्य सरकारों का जनकल्याणकारी योजनाओं को ध्यान में रखकर बजट तैयार करना अति महत्वपूर्ण इसलिए है कि उसका बोझ अन्त में आम आदमी की जेब पर पड़ता है। एडवोकेट रोहित अग्रवाल ने कर संबंधी प्रावधानों की विस्तृत समीक्षा करते हुए आयकर, जीएसटी आरएससी, डीएलसी व कृषि कर आदि पर विद्यार्थियों को जानकारी दी।