



भटनेर पोस्ट साहित्य डेस्क.
हनुमानगढ़ की साहित्यिक फिजाओं में एक बार फिर उस सधी हुई कलम की खुशबू घुलने जा रही है, जिसने शब्दों को केवल अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि समाज के मनोभावों का आईना बनाया। यह अवसर होगा ‘ओम पुरोहित कागद स्मृति सम्मान’ समारोह का, जो कागद फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वार्षिक साहित्यिक श्रद्धांजलि है। इस वर्ष यह गरिमामयी आयोजन 10 अगस्त को बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज, हनुमानगढ़ में संपन्न होगा। यह आयोजन न केवल साहित्यकारों के योगदान का सम्मान है, बल्कि यह कागद के रूप में एक ऐसे विचार का उत्सव है, जो शब्दों को जीवन से जोड़ता है और साहित्य को संवेदना की आवाज़ बना देता है। हिंदी साहित्य के क्षेत्र में गोविंद शर्मा संगरिया, राजस्थानी साहित्य के लिए रामस्वरूप ‘किसान’ परलीका और नवोदित रचनाकार पवन ‘अनाम’ बरमसर को इस वर्ष ‘ओम पुरोहित कागद स्मृति सम्मान’ से अलंकृत किया जाएगा।

साहित्य के सजग प्रहरी थे ओम पुरोहित कागद
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले ओम पुरोहित ‘कागद’ का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे केवल एक लेखक या शिक्षक नहीं थे, बल्कि समाज के सवालों के उत्तर खोजती कलम के धनी थे। 2016 में उनके असामयिक निधन के बाद हनुमानगढ़ की साहित्यिक आत्मा जैसे कुछ क्षणों के लिए मौन हो गई थी। मगर कागद के शब्द जीवित रहे, और उन्हीं शब्दों से प्रेरणा लेकर उनके परिजनों, मित्रो और चाहने वालों ने ‘कागद फाउंडेशन’ की नींव रखी। यह फाउंडेशन अब उनके विचारों, मूल्यों और साहित्यिक संवेदना को आगे बढ़ा रहा है। हर वर्ष तीन साहित्यकारों को सम्मानित करने की यह परंपरा उस मिशन की जीवंत परिणति है, जिसे ओम पुरोहित जी ने अपने जीवन से रचा था।

तैयारी में जुटे प्रतिनिधि
इस समारोह की तैयारी को लेकर जंक्शन स्थित कमल होटल में एक बैठक का आयोजन हुआ। फाउंडेशन की अध्यक्ष भगवती पुरोहित की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में साहित्य और पत्रकारिता जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। महासचिव नरेश मेहन, सह सचिव विरेंद्र छापोला, वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कुमार ‘आशु’, डॉ. संतोष राजपुरोहित, डॉ. प्रेम भटनेरी, गोपाल झा, भारती पुरोहित जैसे सदस्यों की उपस्थिति ने आयोजन को एक सार्थक दिशा दी। बैठक में सभी की जिम्मेदारियां तय की गईं और कार्यक्रम की रूपरेखा पर गहन चर्चा हुई। महासचिव नरेश मेहन ने बताया कि यह सम्मान समारोह केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि यह कागद की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का एक माध्यम है।
फाउंडेशन के उपाध्यक्ष राजेश चड्ढा ने समस्त कागद प्रेमियों से इस कार्यक्रम में शामिल होने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि 10 अगस्त को बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज में पहुंचकर इस आयोजन का हिस्सा बनना केवल एक कार्यक्रम में भाग लेना नहीं होगा, बल्कि यह ओम पुरोहित कागद के प्रति हमारी सामूहिक श्रद्धांजलि होगी।

स्मृतियों में बसता एक पुस्तकालय
ओम पुरोहित ‘कागद’ के नाम पर स्थापित ‘स्मृति पुस्तकालय’ भी कागद फाउंडेशन की एक सराहनीय पहल रही है। जंक्शन बस स्टैंड के समीप दुर्गा मंदिर धर्मशाला परिसर में स्थित यह पुस्तकालय अब साहित्यप्रेमियों के लिए एक तीर्थ बन चुका है। इसका उद्घाटन तत्कालीन सांसद निहालचंद मेघवाल, पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप और तत्कालीन सभापति गणेशराज बंसल द्वारा किया गया था। यह पुस्तकालय उस विचार का स्थायी प्रतीक है कि पुस्तकों में ही समाज का सच्चा भविष्य बसता है।



