




भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में मानसून इस बार पूरी मेहरबानी के साथ बरस रहा है, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्थाएं इस प्राकृतिक मेहरबानी के सामने पूरी तरह नाकाम साबित हो रही हैं। बीती रात से जिलेभर में लगातार हो रही रुक-रुक कर बारिश ने जहां मौसम को सुहावना बना दिया है, वहीं ज़मीनी हकीकत में अव्यवस्था और लापरवाही की तस्वीरें साफ नज़र आ रही हैं। जनप्रतिनिधियों द्वारा ‘मिनी चंडीगढ़’ बनाने का दावा खोखला साबित हो रहा है, क्योंकि जिला मुख्यालय पर चारों तरफ सड़कों पर पानी भरा हुआ है, अंडरपासों में जलजमाव के कारण यातायात अवरुद्ध हो गया है और आमजन परेशान है।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, नोहर में इस मानसून सीज़न की अब तक की सबसे अधिक बारिश 137 मिलीमीटर दर्ज की गई है, जो कि एक रिकॉर्ड है। वहीं, टिब्बी में 80 एमएम, हनुमानगढ़ मुख्यालय पर 72 एमएम, भादरा में 52 एमएम, पीलीबंगा में 51 एमएम, रामगढ़ में 43 एमएम, फेफाना व खुईयां में 41 एमएम, पल्लू में 46 एमएम, रावतसर में 29 एमएम, संगरिया में 34 एमएम, तलवाड़ा झील में 37 एमएम, गोलूवाला में 26 एमएम, डबलीराठान में 39 एमएम, छानीबड़ी में 22 एमएम और ढाबां में 15 एमएम वर्षा दर्ज की गई है।
हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय को अक्सर ‘मिनी चंडीगढ़’ की उपाधि से नवाज़ा जाता है, लेकिन बीते 24 घंटे में शहर की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है। जिला कलक्टर कार्यालय, एसपी ऑफिस और प्रमुख प्रशासनिक भवनों के सामने की सड़कों पर एक से डेढ़ फुट तक पानी जमा हो चुका है, जिससे आमजन के साथ-साथ अधिकारियों को भी आवाजाही में दिक्कत हो रही है। मुख्य बाज़ारों, अस्पताल मार्गों और अंडरपासों में हालात बदतर हैं।

जल निकासी व्यवस्था चरमराई
नागरिकों का कहना है कि शहर में जलभराव की स्थिति से यह स्पष्ट हो गया है कि नगरपरिषद और प्रशासन की जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। बारिश का पानी नालियों और सीवरेज से होकर निकलने के बजाय सड़कों पर तालाब बनाता जा रहा है। अंडरपासों में जलजमाव के चलते वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों, स्कूली बच्चों और मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश
जिले में लगातार बारिश और अतिवृष्टि की संभावना को देखते हुए जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव ने स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है। हालांकि आदेश के समय में थोड़ी देरी होने से कुछ स्कूलों के बच्चे पहले ही घर से निकल चुके थे, जिन्हें बाद में स्कूलों से वापस भेजा गया। शिक्षकों और अभिभावकों ने प्रशासन से समय रहते निर्णय लेने की अपेक्षा जताई है।
नगरपरिषद की टीम जुटी, पर हालात अब भी खराब
हनुमानगढ़ नगरपरिषद और प्रशासनिक अमला जल निकासी व्यवस्था को सुचारु करने में लगातार जुटा हुआ है। नगरपरिषद की टीमें जेसीबी और पंप की मदद से जल निकासी कर रही हैं, लेकिन पानी की भारी मात्रा और धीमी निकासी के चलते आमजन को तत्काल राहत नहीं मिल पा रही। कई कॉलोनियों और मोहल्लों में तो घरों में भी पानी घुसने की सूचनाएं मिल रही हैं।

आमजन ने जताया आक्रोश
शहरवासियों ने नगरपरिषद पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हर साल मानसून में यही स्थिति बनती है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई जाती। सोशल मीडिया पर लोग हनुमानगढ़ को ‘मिनी चंडीगढ़’ कहे जाने को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं, ‘क्या चंडीगढ़ में भी प्रशासन ऐसे नालों और जलभराव से जूझता है?’
आगे क्या?
जिले में मानसून की सक्रियता अभी जारी है और मौसम विभाग ने अगले 24-48 घंटों में और बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में प्रशासन के लिए चुनौती और बढ़ गई है। जलभराव से निपटने के लिए स्थायी नालीकरण, सीवरेज की सफाई और जल निकासी की योजनाओं को अब प्राथमिकता देनी होगी, वरना ‘मिनी चंडीगढ़’ की छवि यूं ही उपहास बनकर रह जाएगी।



