भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
राष्ट्रवादी विचारक पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हमें झूठ सुनने की आदत हो गई है, सच जानने की जिज्ञासा नहीं हैं। आज मकानों की नींव झूठ पर रखी जा रही हैं, जिनका एक न एक दिन गिरना तय हैं। आज 70 वर्षों की आजादी में अब दूसरे देशों को देखें तो पाएंगे की हम कहां हैं। 1948 में एक देश इजरायल बना, जिसकी जनसंख्या मात्र 95 लाख हैं और चारों और से जेहादी इस्लामिक देशों से घिरा हैं, लेकिन किसी का भी साहस नहीं हैं कि वह इजरायल पर आक्रमण करें, क्योंकि उन्हें पता हैं कि इजरायल उन पर हमला कर वहीं ढेर कर देगा। टाऊन स्थित नेहरू मैमोरियल विधि महाविद्यालय में मरूधरा विचार मंच की ओर से हुए भटनेर शक्ति सम्मेलन में पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हमारे अन्दर इतना साहस नहीं हैं कि हम आने वाली पीढ़ियों को सच बता सके। 70 वर्षों का कालखण्ड इतना लम्बा नहीं हैं कि आज भगवान राम पर सवाल उठाए जा रहे हैं, सबूत मांगे जा रहे हैं। हम उन मुद्दों की तरफ सुनना और देखना भी नहीं चाहते जो हमारे सामने आते हैं। दिल्ली विवि देश का सबसे बड़ा केंद्र और यहां 10 सालों से माता सीता के बारे में अपशब्द, अमर्यादित पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा था, लेकिन इन 10 वर्षों में किसी के भी मुंह से नहीं सुना और ना ही विरोध किया। हजारों हिन्दू छात्रों ने सुना और यहां से पास कर विदेशों में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन कभी किसी ने विरोध नहीं किया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के अलावा संगरिया, रावतसर, नोहर, टिब्बी से भी लोग पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ को सुनने के लिए उमड़े। विभिन्न सगठनों के विरोध के बीच हजारो लोगो की उपस्थिति में हुआ सफल कार्यक्रम आयोजन समिति सदस्य प्रदीप ऐरी ने बताया कि सच सुनना हर किसी के बस की बात नहीं होती और सच से डरकर कई संगठनों ने इस कार्यक्रम का विरोध किया था। परंतु उनके विरोध प्रचार के बावजूद भी हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों की उपस्थिति में सफल कार्यक्रम संपन्न हुआ।
मंच संचालन मरूधरा विचार मंच के प्रदीप ऐरी ने किया। कार्यक्रम के शुभारंभ में प्रवीण मोदी, लीलाधर सोनी, राजेन्द्र डोडा, अमरंचद, इन्द्र नादीवाल, भवानीशंकर शर्मा व मुरलीधर सोनी ने पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का पगड़ी पहनाकर सम्मान किया। कार्यक्रम के दौरान पूरा पंडाल भारत माता की जय और जय श्री राम, जय सियाराम के जयघोष से गुंजायमान रहा।
कुलश्रेष्ठ ने कहाकि आज कुछ लोग रामचरित मानस तो कभी रामायण पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन भारतीय सनातनी हिंदू की चुप्पी दर्शाती हैं कि वे किसी दल और संगठन को नाराज नहीं करना चाहते। लेकिन उठें और सच बोलें, चाहे कोई भी नाराज हो, अपने धर्म के लिए सच बोलें। इस दौरान उन्होंने महंगे कपड़े पहनकर स्वयं को राष्ट्रवादी कहने वालों पर भी करारा वार करते हुए कहा कि जो राष्ट्रवादी, हिन्दूवादी होते हैं कि वे कहते नहीं हैं, बल्कि उनके चलने से ही पता चल रहा हैं।
हमारे मूल में अगर कुछ है तो वह राष्ट्र है और राष्ट्र के अलावा कुछ नहीं। सरकार का विरोध करना जायज है, जो लोग सरकार का विरोध करते-करते देश का विरोध करते हैं, राष्ट्र का विरोध करते हैं वह ध्यान रखें और गलत फहमी में न रहें। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
कुलश्रष्ेठ का अभिनंदन
पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ रविवार को मां भद्रकाली मंदिर पहुंचे जहां पर उन्होंने मात्था टेक कर आशीर्वाद लिया व आरती में शामिल हुए। इस दौरान भद्रकाली क्षेत्र विकास सेवा समिति व हनुमानगढ़ सेवा समिति (भारत क्लब) सदस्यों की ओर से उनका स्वागत किया गया। भद्रकाली क्षेत्र विकास सेवा समिति अध्यक्ष भगवान सिंह खुड़ी ने कुलश्रेष्ठ को राजस्थानी साफा पहनाकर उनका अभिनंदन किया। अग्रोहा विकास ट्रस्ट इकाई अध्यक्ष सतीश बंसल ने कुलश्रेष्ठ के राजस्थानी साफे पर बैच लगाया। इस मौके पर मौजूद धर्म प्रचार कमेटी प्रधान राजेंद्र सिंह, गुरुद्वारा गुरु नानकसर प्रेम नगर प्रधान बलकरण सिंह ढिल्लों, सुशील जैन, सुरेंद्र सिंह शेखावत, आशुतोष हिसारिया, मोहम्मद असलम, दलपत सिंह, मुकंदसिंह, पुजारी सेतु पुरी, सुरेंद्र पुरी आदि ने पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का अभिनंदन किया। पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने टाउन से मां भद्रकाली रोड पर नीम कॉरिडोर के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि नीम कॉरिडोर बनने से आमजन को इसका लाभ मिलेगा। इस क्षेत्र के लोगों को शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगी। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। भद्रकाली क्षेत्र विकास सेवा समिति व हनुमानगढ़ सेवा समिति का यह कार्य सराहनीय है। इसके अलावा पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने टाउन स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा शहीद बाबा सुखा सिंह महताब सिंह में मात्था टेककर क्षेत्र की सुख-मृद्धि व खुशहाली की कामना की। इस मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से बाबा जग्गासिंह, बाबा जोगासिंह, गुड़ मण्डी के पूर्व प्रधान रमेश चुघ, सुनील चुघ, गुरुद्वारा प्रेमनगर प्रधान बलकरण सिंह ढिल्लों, पार्षद प्रदीप ऐरी, छिन्दासिंह सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ को सरोपा पहनाकर उनका सम्मान किया।