



भटनेर पोस्ट डेस्क.
हनुमानगढ़ जंक्शन की धान मंडी स्थित दुर्गा मंदिर इन दिनों शिवभक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बना रहा, जहाँ 13 जुलाई से प्रारंभ हुई श्री शिव पुराण कथा का समापन शिव-पार्वती विवाह के भव्य प्रसंग के साथ संपन्न हुआ। हरिद्वार से पधारे सुरेश मुनि जी महाराज की साक्षात वाणी और सत्संग ने श्रद्धालुओं को जीवन के गूढ़ सत्य से परिचित कराया। समापन अवसर पर प्रसाद स्वरूप मालपुए और खीर वितरित किए गए। कथा स्थल भक्ति-संवेदनाओं, भजनों और शास्त्रज्ञान से सराबोर रहा, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु व मातृशक्ति ने सहभागिता निभाकर कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।
श्री संत आश्रम कमेटी के अध्यक्ष रमेश जिंदल व मदन गोपाल जिंदल ने बताया कि समापन समारोह की मुख्य अतिथि पूर्व पालिकाध्यक्ष संतोष बंसल थीं। ज्योति प्रज्वलन राजेश हिसारिया ने की। कालावली से पहुंचे अश्वनी कुमार शास्त्री ने सुन्दर सुन्दर भजन सुना कर श्रदालुओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया। हरिद्वार से पहुंचे स्वामी रामानन्द जी व स्वामी नरोत्मानन्द जी भी उपस्थिति थे।
कथा समापन पर स्वामी सुरेश मुनी ने कहा कि भगवान शिव की पूजा में 6 चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इनसे आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। शिवजी का अभिषेक करने से मनुष्य की आत्मशुद्धि होती है। गंध चंदन लेपन से पुण्य की प्राप्ति होती है। नैवेद्य अर्पित करने से संतुष्टि और आयु की वृद्धि होती है। शिवजी को धूप दिखाने से धन की प्राप्ति होती है। भोलेनाथ को दीप दिखाने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। पान यानी तांबूल अर्पित करने से तमाम सांसारिक भोग की प्राप्ति होती है। उन्होंने ने बताया गया है कि शिव भक्ति में साधकों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। पूजा के समय शिवलिंग के दक्षिण दिशा में उत्तराभिमुख होकर शिवजी की पूजा करनी चाहिए। पूजा करने से पहले साधक को माथे पर त्रिपुंड चंदन लगना चाहिए। शिवजी की पूजा में बिल्वपत्र का बड़ा ही महत्व है। इसलिए शिवजी की पूजा के लिए बिल्वपत्र भी जरूर रखें। जो साधक मिट्टी के शिवलिंग बनाकर नियमित शिवजी की पूजा करते हैं वह शिव के प्रिय होते हैं और भगवान शिव इनके समस्त दुखों को हर लेते हैं
उन्होंने बताया कि शिव पुराण के अध्ययन को अभीष्ट साधन माना है। इसी तरह इसका प्रेमपूर्वक श्रवण भी सम्पूर्ण मनोवंछित फलों के देनेवाला है। भगवान शिव के इस पुराण को सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है तथा इस जीवन में बड़े-बड़े उत्कृष्ट भोगों का उपभोग करके अन्त में शिवलोक को प्राप्त कर लेता है। यह शिवपुराण नामक ग्रन्थ चौबीस हजार श्लोकों से युक्त है। सात संहिताओं से युक्त यह दिव्य शिवपुराण परब्रह्म परमात्मा के समान विराजमान है और सबसे उत्कृष्ट गति प्रदान करने वाला है।
इस अवसर पर श्री संत आश्रम कमेटी के रमेश जिंदल, मदन गोपाल जिंदल, रामनिवास जिंदल, गोपाल जिंदल, सुभाष सिंगला, यशपाल सिंगला, संजीव जिंदल, नारायण जिंदल, डिंपल जिंदल, दीपक बंसल, जॉनी जिंदल, बिट्टू सिंगला, रोहित जिंदल, मनोज गोयल, हनुमानगढ़ सेवा समिति (भारत क्लब) के अध्यक्ष मदन गोपाल जिंदल, सचिव सुनील धूड़िया, कोषाध्यक्ष अनिल जिंदल व वरिष्ठ सदस्य मनी शंकर जालंधरा आदि ने शिरकत की। भारत क्लब के सचिव सुनील धूड़िया के मुताबिक, इस तरह के धार्मिक आयोजनों से आध्यात्मिक सुख की अनुभूति होती है।
