


भटनेर पोस्ट एजुकेशन डेस्क.
बदलते दौर में जब बच्चों में फास्टफूड और जंकफूड के प्रति ललक लगातार बढ़ रही है, ऐसे समय में यदि कोई विद्यालय स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए, तो यह न केवल एक शिक्षण संस्था का दायित्व निर्वहन होता है, बल्कि समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारी का भी प्रमाण बनता है। इसी उद्देश्य को साकार करते हुए संस्कार इंटरनेशनल एकेडमी, हनुमानगढ़ जंक्शन में ‘हेल्दी टिफिन प्रतियोगिता’ का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
स्कूल के प्राचार्य एल.बी. सुब्बा ने कहा, ‘हमारा प्रयास है कि विद्यार्थी न केवल पढ़ाई में अव्वल रहें, बल्कि अपने स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहें। हेल्दी टिफिन प्रतियोगिता हमारी वार्षिक परंपरा बन चुकी है, जिसका उद्देश्य बच्चों को संतुलित, पौष्टिक और घर के बने भोजन की ओर आकर्षित करना है।’
काबिलेगौर है, आज के समय में जब अधिकतर बच्चे बाजार के खाद्य पदार्थों जैसे बर्गर, पिज्जा, चिप्स और कोल्ड ड्रिंक्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं, यह प्रतियोगिता एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप के रूप में सामने आई। विद्यालय परिसर में आयोजित इस आयोजन में विद्यार्थियों ने न केवल हेल्दी टिफिन लाने की जिम्मेदारी निभाई, बल्कि कुछ विद्यार्थियों ने स्वयं अपने हाथों से पोषणयुक्त व्यंजन तैयार कर अपनी रचनात्मकता का भी प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिता के तहत टिफिन बॉक्स में प्रस्तुत व्यंजन न केवल पौष्टिक थे, बल्कि उनकी साज-सज्जा और विविधता ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कहीं साबुत अनाज से बना पोहा था, तो कहीं हरी सब्जियों से युक्त उपमा। कुछ बच्चों ने मल्टीग्रेन पराठे, फ्रूट सलाद, ड्राई फ्रूट्स, स्प्राउट्स और घर में बनी स्वादिष्ट खिचड़ी से अपने टिफिन को सजाया। टिफिन की विविधता यह दर्शा रही थी कि स्वाद और सेहत दोनों को एकसाथ रखा जा सकता है।
इस आयोजन में अभिभावकों की सक्रिय सहभागिता भी विशेष उल्लेखनीय रही। उन्होंने न केवल बच्चों को प्रेरित किया, बल्कि उनके साथ मिलकर भोजन तैयार कर उन्हें स्वस्थ खाने की आदतों की ओर प्रेरित भी किया। प्राचार्य सुब्बा ने इस आयोजन को सफल बनाने में अभिभावकों के सहयोग के लिए विशेष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, ‘विद्यालय और अभिभावकों के बीच ऐसा समन्वय बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब घर और विद्यालय दोनों एक दिशा में कार्य करते हैं, तो उसके सकारात्मक परिणाम स्वतः परिलक्षित होते हैं।’
प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों में पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु शिक्षकों ने भी संवाद किए। उन्होंने बताया कि संतुलित आहार न केवल शारीरिक विकास के लिए जरूरी है, बल्कि यह मानसिक एकाग्रता और पढ़ाई में भी सहायक होता है।
