भटनेर पोस्ट न्यूज. सालासर.
जन्मदिन के उपलक्ष्य में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सालासर धाम में मौजूद हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही हैं। उमड़ी भीड़ से वे बेहद भावुक हैं। उन्होंने अपने भाषण में न सिर्फ गहलोत सरकार को निशाने पर लिया बल्कि पार्टी में अपने विरोधियों को भी मुंहतोड़ जवाब दिया।
वसुंधराराजे ने दो टूक कहा, ‘ मैं संगठन की कार्यकर्ता के रूप में मोदी जी और नड्डा जी के नेतृत्व में चल रही हूं और आप सबको चला रही हूं। पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत मेरे राजनीतिक गुरु थे और आज में जो हूं उन्हीं की वजह से हूं।’ इतना कहते-कहते उनका गला भर आया। जनसभा में संबोधन की शुरुआत में राजे ने जय बजरंग बली के नारे लगाए। उन्होंने कहा,‘ हे बजरंग बली हनुमान, हे महावीर करो कल्याण।’ फिर कार्यकर्ताओं से मुखातिब होकर बोलीं, ’मुझे प्यार है आप सबसे। मेरे जन्मदिन पर राजस्थान के कोने-कोने से लोग आकर मुझे प्यार देते हैं। राजमाता ने मुझे यह सिखाया था, राजस्थान की भूमि के लिए जान भी देनी पड़े तो पीछे मत हटना।’
इसी दौरान चार साल से पार्टी की उपेक्षा झेलने का दर्द भी उभर आया। राजे ने कहा, ‘चार साल में उतार चढ़ाव में आपने मेरा साथ नहीं छोड़ा। आपने पहली बार 2003 में 120 सीटों के साथ भाजपा को जिताया। 2013 में मैंने सुराज संकल्प यात्रा में देखा कि कांग्रेस ने प्रदेश का क्या हाल कर दिया? आपने इतिहास रचा और विधानसभा में 163 और लोकसभा में 25 सीटें दीं।’ राजे ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। बोलीं, ‘2018 में कांग्रेस आई और हमारी सारी योजनाएं बदल दीं। भामाशाह योजना बंद कर दी और नाम बदलकर चिरंजीवी योजना शुरू की और अब मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। 10 लाख की बजाय 11 हजार रुपए भी एक मरीज पर खर्च नहीं हुआ।’
इसी दौरान चार साल से पार्टी की उपेक्षा झेलने का दर्द भी उभर आया। राजे ने कहा, ‘चार साल में उतार चढ़ाव में आपने मेरा साथ नहीं छोड़ा। आपने पहली बार 2003 में 120 सीटों के साथ भाजपा को जिताया। 2013 में मैंने सुराज संकल्प यात्रा में देखा कि कांग्रेस ने प्रदेश का क्या हाल कर दिया? आपने इतिहास रचा और विधानसभा में 163 और लोकसभा में 25 सीटें दीं।’ राजे ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। बोलीं, ‘2018 में कांग्रेस आई और हमारी सारी योजनाएं बदल दीं। भामाशाह योजना बंद कर दी और नाम बदलकर चिरंजीवी योजना शुरू की और अब मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। 10 लाख की बजाय 11 हजार रुपए भी एक मरीज पर खर्च नहीं हुआ।’