भटनेर पोस्ट न्यूज. जयपुर.
बच्चों से जुड़ी खबर। दरअसल, राज्य में अब 6 से 12वीं तक के करीब लाखों स्टूडेंट्स को 30 फीसद कम सिलेबस पढ़ना पड़ेगा। कोरोना काल के बाद स्टूडेंट्स पर पढ़ाई के दबाव को कम करने के लिए सिलेबस में 30 फीसद की कटौती की गई है। कम सिलेबस वाली नई किताबें इसी सैशन में बच्चों को पढ़ने के लिए मिल जाएंगी। राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल बुधवार से इन किताबों का डिस्ट्रीब्यूशन शुरू करने जा रहा है। स्कूली सिलेबस में हुए इतने बड़े बदलाव को लेकर स्टूडेंट के साथ ही उनके पेरेंट्स के मन में भी कई सवाल उठ रहे हैं। ये 30 फीसद सिलेबस कम क्यों किया गया है? क्या जो सिलेबस कम हुआ है, वो अगले साल पढ़ाया जाएगा? राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल के सचिव विनोद पुरोहित ने बताया कि नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 के सिलेबस में 30 फीसद की कटौती की गई है। ये बदलाव एनसीईआरटी की तर्ज पर कक्षा 6 से 12वीं तक की किताबों में किए गए हैं। ताकि कोरोना काल के बाद स्टूडेंट्स पर किसी तरह का दबाव ना बने। इसके साथ ही स्टूडेंट्स अच्छी और गुणवत्ता युक्त शिक्षा हासिल कर सकें। पुरोहित ने बताया कि पाठ्य पुस्तक मंडल की ओर से एक्सपर्ट कमेटी की देखरेख में ही विषय वार अनुपात के आधार पर सिलेबस में कटौती की गई है। सिर्फ कठिन या सिर्फ सरल टॉपिक को नहीं हटाया गया है। बल्कि पूरे सिलेबस को आनुपातिक रूप से ही कम किया गया है। ताकि स्टूडेंट्स फोकस होकर अच्छे से पढ़ाई कर सकें। राजस्थान की जो भी स्कूल प्रदेश के बोर्ड द्वारा एफिलिएटेड हैं, वहां पाठ्य पुस्तक मंडल की किताबें ही मान्य होंगी। इसके लिए 22 मार्च तक नई पुस्तकें स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध हो जाएगी।