





भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
राजस्थान में बहुचर्चित एसआई भर्ती मामले को लेकर राज्य सरकार और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बीच टकराव चरम पर पहुंच चुका है। विधानसभा चुनावों से पहले इसी भर्ती में धांधली को बड़ा मुद्दा बनाकर सत्ता में आई भाजपा सरकार अब यू-टर्न के आरोपों के घेरे में है। सरकार ने हाल ही में कोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया कि एसआई भर्ती को रद्द करना संभव नहीं है। इसके बाद से नागौर सांसद और आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।
2 जुलाई को जयपुर में विधायक के रूप में मिले हनुमान बेनीवाल के सरकारी आवास की बिजली सप्लाई अचानक काट दी गई। इसके साथ ही अब आवास खाली करने का नोटिस भी जारी कर दिया गया है। इसे बेनीवाल ने सियासी साजिश करार दिया है। उनका आरोप है कि सरकार दबाव बना रही है क्योंकि वे एसआई भर्ती घोटाले की जांच और भर्ती रद्द कराने की मांग पर अड़े हुए हैं।
राजधानी जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर बेनीवाल का धरना पिछले कई दिनों से जारी है। इस दौरान उन्होंने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को अब राष्ट्रीय स्तर तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘हम जल्द ही एक लाख युवाओं के साथ दिल्ली कूच करेंगे। अब यह सिर्फ राजस्थान का नहीं, बल्कि देश के युवाओं का आंदोलन बन चुका है।’
धरनास्थल से बेनीवाल ने सरकार और कुछ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘पर्दे के पीछे बैठे अधिकारी और मंत्री नहीं चाहते कि यह भर्ती रद्द हो, क्योंकि उन्हें डर है कि इसका श्रेय हनुमान बेनीवाल को मिल जाएगा।’ उन्होंने जोगाराम पटेल और जवाहर बेढम जैसे मंत्रियों का नाम लेते हुए कहा कि ये लोग युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
बेनीवाल ने सिर्फ सत्ताधारी भाजपा ही नहीं, बल्कि विपक्षी कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, ‘भाजपा और कांग्रेस दोनों मिलकर युवाओं के सपनों के सौदागर बन गए हैं। आज दोनों ही दलों ने मिलकर राजस्थान के लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य पर कुठाराघात किया है।’ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर सीधा हमला बोलते हुए बेनीवाल ने कहा कि इस सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘भजनलाल सरकार अब ज्यादा दिन टिकने वाली नहीं। युवाओं का यह जनआंदोलन राजस्थान की राजनीति में बड़ा बदलाव लाएगा।’




