धुन के धनी हैं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़

भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ.
भटनेर की माटी हर्षित है। इसी माटी से लिपटकर बड़े हुए राजेंद्र राठौड़ अब राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन गए है। टाउन स्थित फोर्ट स्कूल और नेहरू मैमोरियल पीजी कॉलेज कैंपस की खुशी को आप सिर्फ महसूस कर सकते है।ं राठौड़ ने इसी फोर्ट स्कूल से दसवीं पास की थी। इसके बाद उच्च शिक्षा एनएमपीजी कॉलेज में ली। बचपन से लेकर अब तक उनके साथ रहने वाले मित्र सुरेश शर्मा ‘भटनेर पोस्ट’ से कहते हैं, ‘राठौड़ साहब बचपन से पढ़ने में होशियार रहे। हम साथ रहे। साइंस में उनकी गहरी रुचि थी। बाद में हम जयपुर चले गए। उन्होंने पहला चुनाव सीनेट का लड़ा। फिर छात्र संघ अध्यक्ष बने। वर्ष 1985 में जनता पार्टी के टिकट पर चूरू से पहला चुनाव लड़ा लेकिन कम वोटों के अंतर से पराजित हो गए। लेकिन हिम्मत नहीं हारी। पांच साल तक चूरू में डटे रहे। चूरू के राम मंदिर के एक कमरे में डेरा डाल दिया। फिर 1990 से अब तक कभी चुनाव नहीं हारे।’
भाजपा के कद्दावर नेता राजेंद्र राठौड़ का हनुमानगढ़ से प्रगाढ़ संबंध है। उनके पिता उत्तम सिंह राठौड़ तहसीलदार हुआ करते थे। बाद में एसडीएम और एडीएम पद से रिटायर हुए। उनकी पोस्टिंग हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर के इर्द गिर्द होती रही। इस वजह से राठौड़ का परिवार हनुमानगढ़ ही रहा। सुरेश शर्मा बताते हैं कि राजेंद्र राठौड़ के पिता उत्तम सिंह राठौड़ कुशल प्रशासक थे। नहरी कॉलोनियों के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
राठौड़ की नेतृत्व क्षमता पर चर्चा करते हुए सुरेश शर्मा बताते हैं कि उनमें शुरू से इस तरह की प्रतिभा थी। सबको साथ लेकर चलना उनकी खूबी है। राजस्थान विश्वविद्यालय में हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर के विद्यार्थियों को मुश्किल से नामांकन हो पाता था। राठौड़ यहां के लोगों के लिए संघर्ष करते। यही वजह है कि सबके चहेते थे इसलिए छात्र संघ अध्यक्ष बने। आज भी पुराने दोस्तों के साथ उनके गहरे ताल्लुकात हैं। यही वजह है कि राठौड़ को शीर्ष पर देखकर उनके मित्र फूले नहीं समा रहे।  

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