भटनेर पोस्ट न्यूज. जयपुर.
आपसी कलह से जूझ रही कांग्रेस अब विधायकों के बाद विधानसभा व लोकसभा चुनाव में पराजित पार्टी प्रत्याशियों से वन टू वन संवाद करेगी। इसकी रणनीति तय की जा रही है। पार्टी सूत्रों के मुतातबिक, इससे आलाकमान को पार्टी के भीतर की स्थिति का आकलन करने में आसानी होगी। सरकार के कामकाज को लेकर फीडबैक मिलेगा। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने अब तक इस आशय को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है जल्दी ही इस कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा। गौरतलब है कि जिन सीटों पर पार्टी की हार हुईं, उन क्षेत्रों में पराजित प्रत्याशियों को ही विधायक जैसा रुतबा हासिल है, कुछ-एक अपवादों को छोड़कर। ऐसे क्षेत्रों में पराजित प्रत्याशियों की सिफारिश पर तबादले हो रहे हैं, विकास कार्य करवाए जा रहे हैं ताकि उन्हें महसूस हो कि भले वे विधायक न बन पाए लेकिन सरकार में उनकी सुनवाई हो रही है। वन टू वन संवाद का भी यही आधार है ताकि पराजित प्रत्याशियों को लगे कि सरकार व संगठन के लोग उनके साथ विधायक जैसा बर्ताव कर रहे हैं।