रफ्ता-रफ्ता ढीली पड़ती जा रही पायलट की पकड़!

यश गुप्ता.
भटनेर पोस्ट न्यूज. पीलीबंगा.
वक्त की नजाकत को भांपकर उचित फैसला करने वाला ही राजनीति का असली खिलाड़ी माना जाता है। पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र से दो बार पराजित रहे कांग्रेस प्रत्याशी विनोद गोठवाल इस बात को भलीभांति समझते हैं। यही वजह है कि ‘पायलट प्रेम’ को दरकिनार कर अब वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ‘हाजिरी’ लगाने से परहेज नहीं कर रहे। रावतसर में हुई मुख्यमंत्री की सभा में विनोद गोठवाल की मौजूदगी चर्चा का विषय है। खास बात है कि पीलीबंगा में सचिन पायलट की सभा करवाने और हनुमानगढ़ में मुख्यमंत्री की सभा में गैरमौजूदगी के कारण गोठवाल पहले ही चर्चा में आ गए थे। चर्चा है कि पायलट की कमजोर स्थिति को देखकर अब उनके सिपहसालार पाला बदलने लगे हैं। रावतसर की सभा में विनोद गोठवाल के अलावा पायलट के एक और पूर्व सहयोगी रामेश्वर डूडी भी मंच पर नजर आए। वहीं पायलट के सहयोगी रहे पवन गोदारा समय पर गहलोत खेमे में चले गए और राज्य मंत्री का दर्जा हासिल करने में भी कामयाब रहे। देखा जाए तो मास्टर भरतराम मेघवाल भी कुछ समय तक पायलट के ही पाले में थे।

राजनीतिक गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा परवान है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में गहलोत के नेतृत्व में ही कांग्रेस मैदान में उतरेगी। संभवतः इस तरह के संकेत मिलने के बाद पायलट समर्थक अब उनसे कन्नी काटने लगे हैं। वैसे, राजनीतिक गलियारे में बड़ा सवाल है कि क्या विनोद गोठवाल ने पायलट का पाला छोड़कर गहलोत का दामन थाम लिया है ? गोठवाल ‘भटनेर पोस्ट’ से कहते हैं, ‘मैं कांग्रेसी हूं, पार्टी के साथ हूं। गहलोत साहब हमारे वरिष्ठ नेता हैं, मुख्यमंत्री हैं। पायलट साहब युवा नेता हैं। हम सभी नेताओं से बहुत कुछ सीखते रहते हैं। जहां पर हनुमानगढ़ में सीएम की सभा में मेरी गैरमौजूदगी का सवाल है तो उस वक्त मैं बीमार था, इस वजह से नहीं जा पाया। अब जब सीएम साहब हमारे विधानसभा क्षेत्र में आए तो हमने उनका तहे दिल से स्वागत किया। यह हमारा फर्ज है।’ 

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