भटनेर पोस्ट ब्यूरो. जयपुर.
कांग्रेस की आपसी कलह खत्म होने की खबर पर सचिन पायलट के एक फैसले ने सवालिया निशान लगा दिया है। पायलट समझौते की बात से ‘पलट’ गए हैं। सचिन पायलट ने दो टूक कहाकि 15 मई को रखी तीन मांगों पर कोई समझौता नहीं होगा। टोंक में समर्थकों के बीच उन्होंने गहलोत सरकार को अल्टीमेटम याद दिलाया है। सचिन बोले, ‘युवाओं से हमने सार्वजनिक मंच पर कमिटमेंट किया है, यह हवाई बातें नहीं हैं। तीनों मांगों के बिना कोई समझौता नहीं होगा। परसों मैंने इन बातों को दिल्ली में रखा था। सब इस बातों को जानते हैं। मैं कहना चाहता हूं, मैंने जो मुद्दे उठाए थे खासकर करप्शन के उस पर कार्रवाई हो। भाजपा के शासन में लूट मची थी। उसके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी। नौजवानों को इंसाफ दिलाने की बात थी। उस पर समझौता करना संभव नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं, मैंने 15 मई को जो कहा था कि सरकार इस पर जल्द कार्रवाई करें। यह सब जानते हैं। मैं इंतजार कर रहा हूं। परसों बात की थी। इन मुद्दों पर कार्रवाई करने का दायित्व, राज्य सरकार का है।’
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के बीच समझौते की बात कही थी। करीब चार घंटे तक अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के के आवास पर हुई बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद थे। जब वेणुगोपाल पत्रकारों के सामने आए तो गहलोत-पायलट भी उनके साथ थे लेकिन दोनों ने चुप्पी साध रखी थी। ‘भटनेर पोस्ट’ ने पहले ही इशारा कर दिया था कि समझौते की बात गले नहीं उतर पा रही।